महाराष्ट्र में मंत्रालय परिसर में लगी जाली पर 29 अगस्त को आंदोलनकारी ऊपर से कूद गए और वहां तैनात सुरक्षकर्मियों के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी। मंत्रालय अति महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है और यहां लोगों को प्रवेश देने में काफी सावधानी बरती जाती है। इस बात को समझते हुए आंदोलनकारियों ने ऊपर से जाली पर कूदकर आंदोलन शुरू कर दिया। आंदोलनकारी महाराष्ट्र के अपर वर्धा बांध पीड़ित थे और सरकार के रवैये से काफी परेशान थे।
आंदोलनकारियों का आरोप है कि वे पिछले 103 दिनों से अपर वर्धा बांध पीड़ित मोर्शी तहसील, जिला अमरावती में भूख हड़ताल पर बैठे हैं और कुंभकर्णी नींद में सोई सरकार उके लिए कोई उचित समाधान नहीं ढूंढ पाई है। इसलिए इस कथित रूप से क्रूर सरकार को जगाने के लिए उन्होंने मंत्रालय मुंबई में हल्लाबोल आंदोलन का रुख अपनाया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा कर उचित निर्णय नहीं लिया गया तो वे और उग्र आंदोलन करेंगे।
मंत्रालय में बांध पीड़ितों का आंदोलन, सुरक्षा जाली पर लगाई छलांग, अपर वर्धा बांध प्रभावितों का आंदोलन
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अपर वर्धा बांध पीड़ितों के प्रमुख लंबित मुद्देः
1- देय पात्रता की राशि ब्याज सहित भुगतान की जाये।
2- प्रत्येक परियोजना पीड़ित को पुनर्वास अधिनियम के तहत लाभ क्षेत्र या अन्यत्र भूमि दी जानी चाहिए।
3-परियोजना प्रभावित प्रमाण पत्र धारक को शासकीय /अर्धशासकीय सेवा में समाहित किया जाये। इसके लिए आरक्षण की सीमा 5% से बढ़ाकर 15% की जानी चाहिए। यदि यह संभव न हो तो प्रमाणपत्र धारक को 20 से 25 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान दिया जाना चाहिए।
4- जल संसाधन विभाग को बांध पीड़ितों को स्थायी रूप से आजीविका के लिए अनुपयोगी जमीन दी जानी चाहिए।
5- 103 दिन से चल रही भूख हड़ताल को लेकर सरकार आंदोलनकारियों से उचित चर्चा करे।
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