केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Dr. Jitendra Singh) ने कहा कि आज चार वर्ष की छोटी सी अवधि के भीतर ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वित्तीय संसाधनों में वृद्धि होने के साथ ही स्टार्ट-अप्स (start-ups) की संख्या 4 से बढ़कर 150 हो गई है ।
अमेरिकी उपग्रह के प्रक्षेपण से हुई भारी कमाई
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत (India) की उपग्रह प्रक्षेपण (satellite launch) सुविधा की विश्वसनीयता (Reliability) अचानक इतनी बढ़ गई है कि अब तक यूरोपीय उपग्रहों के प्रक्षेपण से भारत ने 26 करोड़ यूरो से अधिक की कमाई की है तथा अमेरिकी उपग्रह के प्रक्षेपण से भारत ने 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की कमाई की है।
दो सितंबर को लॉन्च होगा “आदित्य-एल1”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सफल चंद्रयान मिशन के बाद, भारत के पहले सूर्य मिशन “आदित्य-एल1” (Aditya-L1) के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पूरी तरह तैयार है। संभवतः यह मिशन दो सितंबर को लॉन्च होगा। उन्होंने कहा कि सूर्य अंतरिक्ष मिशन आदित्य –एल 1, सात पेलोड्स (बोर्ड पर उपकरणों) के साथ ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पोलर सैटेलाईट लॉन्च वेहिकल -पीएसएलवी) का उपयोग करेगा। उन्होंने आगे कहा कि अंतरिक्ष यान सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु-1 (एल 1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा (हैलो ऑर्बिट) में स्थित होगा, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख (1.5 मिलियन) किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किए गए उपग्रह को सूर्य (Sun) को बिना किसी ग्रहण के लगातार देखने का प्रमुख लाभ मिलेगा।
पीएम मोदी ने बढ़ाया वैज्ञानिकों का सम्मान
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, मंगल और चंद्रमा मिशन के बाद, आदित्य एल-1 तीसरा ऐसा मिशन है। यह मिशन सूर्य से प्राप्त ऊर्जा स्रोतों का अध्ययन करेगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह पीएम मोदी (PM Modi) द्वारा वैज्ञानिकों (scientists) का सम्मान बढ़ाने के कारण ही है कि आज हमारे पास सूर्य के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन भेजने का आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास है। केंद्रीय मंत्री उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेने आये थे।
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