जी-20 शिखर सम्मेलन में महज अब एक सप्ताह बचे हैं। इससे पहले ही पूरी राजधानी को सजाने और संवारने की जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। आयोजन स्थल प्रगति मैदान से लुटियंस जोन और आसपास सुरक्षाकर्मियों के कड़े पहरे में हर लोकेशन पर भी सीसीटीवी कैमराें द्वारा निगहबानी की जा रही है।
दिल्ली के होटल में विदेशी डेलिगेट्स और मेहमान ठहरने वाले हैं। आसपास के इलाकों, सड़कों और बाजारों में एनडीएमसी द्वारा लगाए गए 500 सीसीटीवी सर्विलांस कैमरों से निगरानी रखी जा रही है।
करीब 42.7 वर्ग किलोमीटर का एरिया
एनडीएमसी के अधिकारियों के अनुसार नई दिल्ली में एनडीएमसी का एरिया करीब 42.7 वर्ग किलोमीटर का है। इस एरिया में अलग-अलग जगह पर 500 सीसीटीवी सर्विलांस कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों में कुछ खास कैमरे भी हैं, जो 75 से 360 डिग्री तक घूम सकते हैं। इसके अलावा 225 फिक्स्ड इंफ्रारेड कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें रात के समय भी क्लियर तस्वीर कैद हो सकती है। इसके अलावा 125 फिक्स्ड बॉक्स कैमरे और 75 हाई डेफिनेशन कैमरे भी लगाए गए हैं। इनमें 75 कैमरे तो ऐसे हैं जो अलग-अलग ट्रैफिक जंक्शन पर लगाए गए हैं।
सुरक्षा के साथ ही सिविक फैसिलिटी पर भी नजर
एनडीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था को ही मॉनिटर नहीं किया जा रहा, बल्कि सिविक फैसिलिटी पर भी कैमरा के माध्यम से नजर रखी जा रही है। कहां-कहां साफ-सफाई हो रही है और किन इलाके में साफ-सफाई नहीं हुई है। ऐसी तमाम सेवाओं और सुविधाओं पर भी नजर रखी जाएगी।
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स्ट्रीट लाइट से लेकर पेड़-पौधों तक की निगरानी
इसके अलावा जिन सड़कों की स्ट्रीट लाइट्स नहीं जल रही है, कहां पर फव्वारा नहीं चल रहा है, कहां पेड़-पौधे नहीं लगे हैं। इस पर भी इन कैमरों की नजर रहेगी। रिस्पांस टाइमिंग और भी कम कर दी गई है ताकि जी-20 मीटिंग के दौरान किसी भी काम में कोताही ना बरती जाए।
एनडीएमसी के कंट्रोल सेंटर से जुड़ी हुई कमांंड
खास बात यह है कि इन कैमरों के तार की कमांड एनडीएमसी के कंट्रोल सेंटर से जुड़ी हुई है। इतना ही नहीं इन कैमरों को हैंडल करने के लिए कर्मचारियों को खास ट्रेनिंग दी गई है। इसके अलावा एनडीएमसी इलाके में करीब 200 बस क्यू शेल्टर हैं और सभी बस क्यू शेल्टर के पास सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है।