केंद्र सरकार (Central Government) ने शुक्रवार (1 सितंबर) को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (One Nation One Election) के लिए एक कमेटी का गठन किया है और इसके बाद से देश में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर चर्चा तेज हो गई है। वहीं, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। इस पर सीएम योगी ने कहा, ”वन नेशन, वन इलेक्शन एक सराहनीय प्रयास है, हमें यह जानकर खुशी हुई कि पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Former President Ram Nath Kovind) को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए गठित समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।”
सीएम योगी ने कहा, ”मैं उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से इस अभिनव पहल के लिए प्रधानमंत्री का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।” ये इनोवेशन विकास की जरूरत है, ये बार-बार काम में रुकावट पैदा करता है। इस प्रक्रिया में कम से कम 1.5 महीने का समय लगता है। इसके लिए जरूरी है कि हम लोकसभा चुनाव और अन्य सभी प्रकार के चुनाव एक साथ कराएं।
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भाजपा 2018 से ही इस बिल पर जोर दे रही
आपको बता दें कि केंद्र की भाजपा सरकार लंबे समय से ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को लेकर प्रयास कर रही है। साल 2018 से ही भाजपा इस ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को पास कराने के लिए पुरजोर कोशिश करती नजर आ रही है। फिलहाल इसे लेकर भाजपा को विपक्ष के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ भाजपा उनका समर्थन करती नजर आ रही है। वहीं, विपक्ष लगातार इस बिल पर हमलावर नजर आ रहा है।
विपक्ष विरोध कर रहा है
संसद के विशेष सत्र के दौरान एक बार फिर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल का मुद्दा उठाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच कई विपक्षी दलों ने इस पर अपना विरोध जताया है। इसका सपा ने कड़ा विरोध किया था। सपा के राष्ट्रीय सचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसे संविधान विरोधी और लोकतंत्र की हत्या बताया है। जिसके साथ उन्होंने इसकी निंदा की है।
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