चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही पश्चिम बंगाल में राजनैतिक गतिविधियां चरम पर पहुंच गई हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी से बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुलाकात की है। उनकी इस मुलाकात के बाद प्रदेश में तृणमूल कांग्रेस पार्टी और महागठबंधन में चुनावी तालमेल होने की चर्चा होने लगी है।
इस बीच चुनावी जुगाड़ के अस्तित्व में आने से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस बारे में अपना पक्ष स्पष्ट करते ही इनकी पक रही खिचड़ी में शरीक होने से इनकार कर दिया है।
जहां भी ज़रूरत पड़े हम ममता बनर्जी के साथ खड़े हैं। हमारी पहली कोशिश है कि भाजपा को यहां पर बढ़ने से रोकना। ममता जी को जिताने में हम पूरी ताकत लगाएंगे। भाजपा ने देश के लोगों को ठगने का काम किया है: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद, RJD नेता तेजस्वी यादव pic.twitter.com/wUgVLdF9M6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2021
कांग्रेस ने स्पष्ट किया अपना पक्ष
अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर वाम दलों से बातचीत चल रही है। जहां तक आरजेडी के तेजस्वी यादव का सवाल है, अगर वह किसी अन्य पार्टी (टीएमसी) के साथ सीटों पर चर्चा करते हैं, तो मुझे इससे कोई लेना-देना नहीं है, सीट-बंटवारे को लेकर आरजेडी के किसी नेता के साथ कांग्रेस का कोई संबंध नहीं है।
Talks on with the Left over alliance and seat-sharing. As far as RJD's Tejashwi Yadav is concerned, if he discusses seats with another party (TMC), I've nothing to do with it, I didn't have a word with any RJD leader over seat-sharing: Congress' Adhir Chowdhury pic.twitter.com/WO9LXNXz2u
— ANI (@ANI) March 1, 2021
ममता से कांग्रेस और वाम दलों का नहीं जमता
बता दें कि दीदी ने कांग्रेस और वाम दलों को चुनाव की तारीखों के ऐलान होने से पहले ही साथ में चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, लेकिन वाम दलों ने जहां उनके इस ऑफर को ठुकरा दिया था, वहीं चौधरी ने उन्हें टीएमसी को कांग्रेस में विलय कर भारतीय जनता के खिलाफ चुनाव लड़ने की सलाह दी थी।
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संभव है नया समीकरण
भारतीय जनता पार्टी के आक्रामक रुख से परेशान ममता बनर्जी ने असदुद्दीन ओवैसी की एमआईएम से गठबंधन करने से साफ इनकार कर दिया है। इस हालत में उन्हें किसी ऐसी पार्टी की तलाश है, जो भाजपा के साथ लड़ाई में उनका मजबूती से साथ दे। दूसरी तरफ बिहार में सबसे ज्यादा 75 सीटों पर चुनाव जीतकर भी सत्तासुख से दूर रह गई आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव के लिए पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में खोने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए वे इस चुनाव में ममता बनर्जी की टीएमसी के साथ अपनी किस्मत आजमा सकते हैं।
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बिहार में गठबंधन, बंगाल में हठबंधन
बता दें कि बिहार में महागठबंधन में आरजेडी के साथ ही कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल में इन दोनों का ही उन्हें साथ मिलना मुश्किल है।