भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) शनिवार (02 सितंबर) को सुबह 11:50 बजे आंध्र के श्रीहरिकोटा (Sriharikota) में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Centre) से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) पर भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित सौर मिशन (Solar Mission) आदित्य-एल1 (Aditya-L1) लॉन्च करेगा। इसरो ने एक अपडेट में कहा कि आदित्य-एल1 के लॉन्च की उलटी गिनती 1 सितंबर, 2023 को दोपहर 12:10 बजे शुरू हो गई।
आदित्य L1 को लैग्रेंज 1 बिंदु (L1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा। यह सौर गतिविधि अंतरिक्ष के मौसम पर उनके प्रभाव का अध्ययन करेगी। लॉन्च के 4 महीने बाद आदित्य एल1 अपनी जगह पर पहुंच जाएगा।
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इन जगहों पर दिखेगी लॉन्चिंग
जो लोग आदित्य-एल1 के प्रक्षेपण को लाइव देखना चाहते हैं वे इसरो की आधिकारिक वेबसाइट, यूट्यूब चैनल और फेसबुक अकाउंट पर जा सकते हैं या डीडी नेशनल पर लाइवस्ट्रीम देख सकते हैं। लाइवस्ट्रीमिंग 2 सितंबर को सुबह 11:20 बजे शुरू होगी।
कई कारणों से आदित्य L1 को L1 बिंदु पर रखा जाएगा। यहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित है, जिसके कारण यह L1 बिंदु पर आसानी से सूर्य की परिक्रमा कर सकेगा और ईंधन की बचत भी कर सकेगा। सबसे खास बात यह है कि एल1 लगातार पांच साल तक बिना किसी रुकावट के सूर्य की तस्वीरें आदित्य-एल1 को भेज सकेगा।
सूर्य की यात्रा पांच चरणों में
आदित्य एल1 को पृथ्वी छोड़कर लैग्रेंज प्वाइंट तक पहुंचना है और इस प्रक्रिया में 125 दिन यानी करीब 4 महीने लगेंगे। आदित्य एल1 एक सैटेलाइट है। जिसे 15 लाख किलोमीटर दूर भेजा जाएगा और अंतरिक्ष में ही स्थापित किया जाएगा।
पृथ्वी से सूर्य तक की यात्रा पांच चरणों में होगी, जिसमें पहला चरण पीएसएलवी रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा, दूसरा चरण पृथ्वी के चारों ओर कक्षा का विस्तार, तीसरा चरण प्रभाव क्षेत्र के बाहर, चौथा फेज- क्रूज फेज और पांचवां फेज- हैलो ऑर्बिट L1 प्वाइंट है।
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