राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल नामक एक कपड़ा सिलनेवाले हिंदू की जघन्यता से हत्या कर दी गई थी। कह्नैयालाल की दुकान में घुसे दो लोगों ने बहुत ही निर्ममता से गला रेत दिया था। इस प्रकरण में विशेष एनआईए न्यायालय ने एक आरोपी को जमानत दे दी है। न्यायालय ने जमानत के निर्णय पर दिये अपने आदेश पर कहा है कि, आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला के विरुद्ध कोई आरोप नहीं है। ऐसी परिस्थिति में प्रश्न खड़ा हुआ है कि, कन्हैयालाल के परिवार को जो क्षति हुई है, उसके लिए उन्हें न्याय कब मिलेगा?
उदयपुर के कन्हैयालाल को कट्टरवादी इस्लामियों ने सिर तन जुदा जिहादी मिशन के अंतर्गत मार दिया था। इस प्रकरण में वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें रियाज अत्तारी उर्फ अजमेरी लुहार और मोहम्मद गौस को कन्हैयालाल का गला रेतते दिखे थे। इस प्रकरण में पाकिस्तानी समेत 10 लोगों पर प्रकरण दर्ज किया गया था और गिरफ्तार किया गया था। इसी में से एक आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला भी था। जिस पर आर्म्स ऐक्ट के अंतर्गत प्रकरण दर्ज था। एनआईए ने अपने आरोप पत्र में फरहाद मोहम्मद के विरुद्ध गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की कार्रवाई नहीं की थी। जिसका लाभ एनआईए न्यायालय में आरोपी को मिला है।
अपराध के विभिन्न प्रकरण दर्ज
एनआईए ने आरोपी फरहाद मोहम्मद की जमानत याचिका कड़ा विरोध किया था। एजेंसी की ओर से विशेष लोक अभियोजक टी.पी शर्मा ने न्यायालय को सूचित किया कि, आरोपी फरहाद मोहम्मद पर पहले से ही तीन आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। कन्हैयालाल प्रकरण में जांच के दौरान आरोपी के पास से तलवार मिली थी। इसके अलावा सिर तन से जुदा के नारे लगाने में आरोपी भी शामिल रहा है। भाजपा की तत्कालीन प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विरुद्ध हुए प्रदर्शन में प्रमुख रूप सम्मिलित रहा है।
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कन्हैयालाल की 28 जून को कर दी गई हत्या
बता दें कि कन्हैयालाल की गत 28 जून को उदयपुर में जघन्य हत्या की गई थी। इसके बाद आरोपियों ने इस हत्याकांड का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया था। जिस पर पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी को गिरफ्तार किया था। वहीं बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। एनआईए ने मुख्य आरोपियों से की गई पूछताछ पर बाकी सातों आरोपियों को गिरफ्तार किया था।