महाराष्ट्र के बजट सत्र का आगाज 1 मार्च से हो गया है। सत्र को काफी हंगामेदार रहने की उम्मीद है। पहले ही दिन सदन के बाहर और भीतर विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाकर यह संकेत दे दिया है। जाहिर तौर पर महाविकास आघाड़ी के लिए यह सत्र आसान नहीं होगा।
बजट सत्र के पहले ही दिन सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने दिखे और दोनों विधानसभा के परिसर में ही आपस में भिड़ गए तथा जोरदार नारेबाजी की।
कांग्रेस ने निकाली साइकिल रैली
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस ने विधान भवन के बाहर साइकिल रैली निकाली। राज्य की अनेक समस्याओं पर बात न करते हुए महाविकास आघाड़ी में शामिल कांग्रेस ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर आंदोलन किया और इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
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विपक्ष ने उद्धव सरकार को घेरा
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव सरकार को घेरते हुए कहा कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर कांग्रेस द्वारा साइकिल रैली निकालना हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पेट्रोल की कीमत देश के 9 राज्यों की तुलना में करीब 10 रुपए प्रति लीटर अधिक है। महाराष्ट्र सरकार खुद पेट्रोल व डीजल पर 27 रुपए प्रति लीटर टैक्स वसूलती है। केंद्र सरकार का कुल टैक्स 33 रुपए प्रति लीटर है। इसमें चार रुपए कृषि सेस, चार रुपए डीजल कमिशन है। इसमें भी 42 फीसदी पैसे केंद्र राज्य सरकारों को वापस कर देती है। लेकिन राज्य सरकार पूरे 27 रुपए अपनी तिजोरी में डालती है। अगर उद्धव सरकार इन पर अपने टैक्स कम कर दे तो पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो सकते हैं।
नाना पर ताना
फडणवीस ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले काफी होशियार हैं। पहले से ही चर्चा चल रही है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में दो-तीन रुपए टैक्स कम करनेवाले है। इसका श्रेय नाना लेना चाहते हैं।
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विपक्ष ने किया वॉक आउट
इस बीच सत्र के पहले दिन औरंगाबाद-विदर्भ वैधानिक विकास मंडल को फंड देने को लेकर दादा-भाऊ( अजित पवार और सुधीर मुनगंटीवार) भिड़ गए। अजित पवार ने कहा कि जब तक राज्यपाल नियुक्त विधायकों की समस्या का समाधान नहीं हो जाता, तब तक इस मंडल के फंड रोकने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। इसे लेकर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि राज्यपाल नियुक्त विधायकों से इस मंडल का कोई संबंध नही है। उन्होंने कहा कि हम सरकार से कोई भीख नहीं मांग रहे हैं। इस मुद्दे पर विपक्ष ने सभात्याग कर सरकार की नीतियों का विरोध किया।