नूंह हिंसा के बाद राजनीतिक बयानबाजियों के बीच अब हिंसा को लेकर नया खुलासा हुआ है। जांच और गिरफ्तारियों के बीच नूंह हिंसा में गैंग 0011 का नाम उजागर हुआ है, जिसने हिंसा से एक दिन पहले 60 लोगों के वाट्सऐप के माध्यम से 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा पर हमले की साजिश रची थी।
आरोपी वसीम ने खोले कई राज
बजरंग दल की यात्रा को किसी भी तरह से कामयाब नहीं होने देने के लिए 30 जुलाई को रची गई साजिश के तहत 31 जुलाई को हिंसा, आगजनी, खून-खराबा की घटना को अंजाम दे दिया गया। नूंह के आरोपियों की धरपकड़, गिरफ्तारियों के बीच पुलिस ने गैंग 0011 के नाम से वाट्सऐप ग्रुप संचालित करने वाले इसके एडमिन को गिरफ्तार किया है। नूंह के ही फिरोजपुर नामक गांव से गिरफ्तार किए गए आरोपी वसीम उर्फ टीटा ने पुलिस पूछताछ में राज उजागर किए।
पुलिस के रडार पर 20 वाट्सऐप ग्रुप
नूंह पुलिस के राडार पर 20 वाट्सऐप ग्रुप हैं, जिनकी गहनता से पुलिस जांच कर रही है। ऐसे ग्रुपों को चलाने वाले और उनसे जुड़े लोगों की भूमिका नूंह दंगों में संदेह के घेरे में है। नूंह में जिस तरह से चंद मिनटों में ही उपद्रव फैला, उसी को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं।
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परत दर परत सामने आ रही है सच्चाई
हालांकि, शुरुआती जांच में तो पुलिस ने इस हिंसा के योजनाबद्ध तरीके से होना इंकार किया था। परत-दर-परत जांच के दौरान जो तथ्य, जानकारियों सामने आ रही हैं, उससे कहीं ना कहीं यह तस्वीर साफ हो रही है कि एक दिन पहले बृजमंडल यात्रा पर हमले की योजना बनाई ही गई थी।
साइबर पुलिस थाना भी था निशाने पर
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने यह खुलासा किया है कि साइबर पुलिस थाना उनके निशाने पर था। पुलिस थाना को ध्वस्त करने के लिए एक बस तैयार की गई थी। नूंह में दंगे शुरू होने के बाद अफरा-तफरी मची। बस की व्यवस्था करने के बाद विभिन्न गांवों में गिरोह के सदस्यों को इकट्ठा किया गया। वह साइबर पुलिस थाना पर हमला करने के बाद अन्य स्थानों पर हिंसा करने पहुंच गए।