मराठा समुदाय के आरक्षण को लेकर 5 सितंबर को सरकार का प्रतिनिधिमंडल जालना में पिछले आठ दिनों से भूख हड़ताल कर रहे मनोज जारंगे पाटील से मिला। सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ पाटील की लगभग आधे घंटे तक बात हुई, लेकिन पाटील ने भूख हड़ताल जारी रखने का ऐलान करते हुए सरकार को इस सम्बन्ध में शासनादेश निकालने के लिए चार दिन का समय दिया है।
सरकार का प्रतिनिधिमंडल जारंगे से मिला
मनोज जारंगे पाटील ने पत्रकारों को बताया कि मंत्री गिरीश महाजन के नेतृत्व में 5 सितंबर को सरकारी प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला और भूख हड़ताल खत्म करने के लिए कहा, लेकिन कार्यकर्ता शासनादेश पर अडिग हैं। इसी वजह उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि शासनादेश निकालने के लिए वे चार दिनों का वक्त दे रहे हैं। अगर सरकार ने चार दिनों में शासनादेश नहीं निकाला, तो वे पानी पीना भी बंद कर देंगे।
मराठा आरक्षण पर सरकार सकारात्मक
गिरीश महाजन ने बताया कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के लिए सकारात्मक है। सरकार ने मनोज जारंगे से शासनादेश निकालने के लिए एक माह का समय मांगा था, लेकिन जारंगे पाटिल ने चार दिनों का समय दिया है। इस संबंध में वे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे।
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आठ दिनों से भूख हड़ताल जारी
मराठा समाज को कुनबी जाति का आरक्षण दिलाने के लिए मराठा क्रांति मोर्चा के संयोजक मनोज जारंगे पाटील पिछले आठ दिनों से जालना में भूख हड़ताल कर रहे हैं। 4 सितंबर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजीत पवार ने मुंबई बैठक की और कुनबी जाति प्रमाण पत्र के अध्ययन के लिए समिति गठित करने, मराठा आंदोलनकारियों पर दर्ज मामले वापस लेने का निर्णय लिया है। 5 सितंबर को मंत्री गिरीश महाजन के नेतृत्व में मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल जालना में मनोज जारंगे से मिला।