आतंकियों के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में विटो (Vito) का उपयोग करनेवाले चीन (China) को भारत ने जमकर सुनाया है। भारत की ओर से कहा गया है, घोषित आतंकी को काली सूची में डालने के प्रस्ताव पर अकारण विरोध प्रकट करते हुए प्रस्ताव रोकना अनुचित है। यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कही।
यह दोहरापन
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) ने मंगलवार को यहां कहा, ‘यूएनएससी प्रतिबंध समितियों के कामकाज के तरीके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर स्वीकृत आतंकवादियों (Internationaly Designated Terrorist) के लिए वास्तविक, साक्ष्य-आधारित सूची के प्रस्तावों को बिना कोई उचित कारण बताए अवरुद्ध किया जाना अनावश्यक है और जब चुनौती से निपटने में परिषद की प्रतिबद्धता की बात आती है तो दोहरे बात की बू आती है। प्रतिबंध समितियों के कामकाज के तरीकों में पारदर्शिता और लिस्टिंग और डीलिस्टिंग में निष्पक्षता पर जोर दिया जाना चाहिए और यह राजनीतिक विचारों पर आधारित नहीं होना चाहिए।
पाकिस्तान (Pakistan) पनाहगार, चीन (China) बना है रक्षक
आतंकी संगठनों और आतंकियों को लेकर पाकिस्तान लंबे काल से शरणस्थली बना हुआ है, जबकि, चीन पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद (Pakistan Sponsored Terror) के रक्षक के रूप में है। ताजा उदाहरण इस साल जून में आया जब चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar E Toiba) आतंकवादी साजिद मीर (Terrorist Sajiid Mir) को नामित करने के लिए भारत और अमेरिका के एक प्रस्ताव को अवरुद्ध कर दिया, जो 26/11 में शामिल होने के लिए वांछित था। मुंबई आतंकवादी हमले (Mumbai Terror Attack), एक वैश्विक आतंकवादी के रूप में।
कंबोज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यूएनएससी के आठ बार निर्वाचित सदस्य भारत को सुरक्षा परिषद के कामकाज के तरीकों में सुधार की आवश्यकता के बारे में कुछ प्रमुख चिंताएं हैं। हमें… एक सुरक्षा परिषद की आवश्यकता है जो आज संयुक्त राष्ट्र की भौगोलिक और विकासात्मक विविधता को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करे। एक सुरक्षा परिषद जहां अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया और प्रशांत के विशाल बहुमत सहित विकासशील देशों और गैर-प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों की आवाज़ों को इस मेज पर उचित स्थान मिलता है।
ये भी पढ़ें – Hindu Phobia पर ब्रिटेन के मंत्री ने कहा, ‘हिंदू विरोधी नफरत घृणित है, हमारे समाज में कोई जगह नहीं’
इनके पास है विटो पॉवर
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाँच स्थाई सदस्य हैं, अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन। इन्हें सामूहिक रूप से पी-5 के रूप में जाना जाता है। सुरक्षा परिषद के दस निर्वाचित सदस्यों को आमतौर पर ई-10 कहा जाता है।