उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में अगले तीन माह के अंदर सभी निराश्रित गोवंश के संरक्षण के आदेश दिए हैं। बीते दिनों आगरा, सुल्तानपुर एवं पीलीभीत जैसे जनपदों में हुई घटनाओं का संज्ञान लेते हुए सरकार ने कड़े शब्दों में कहा है कि ऐसी घटनाओं की आगे पुनरावृति न हो।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि सरकारी आंकड़ों में अभी भी लगभग 2.5 से 3 लाख निराश्रित गोवंश होने की जानकारी है। इसी कड़ी में सरकार ने सभी के संरक्षण के निर्देश जारी किए हैं।
घटनाओं की न हो पुनरावृत्ति
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने एक महत्वपूर्ण बैठक में कहा कि अगले तीन महीने में निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया जाए। साथ ही घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पंचायतों द्वारा नगरीय क्षेत्रों में संरक्षित गोवंशों में पौष्टिक आहार की व्यवस्था की जाए। बुंदेलखंड क्षेत्र में 15 सितम्बर तक खुले पशुओं को संरंक्षित कर लिया जाए। हरदोई, सीतापुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, फतेहपुर, बदायूं आदि जनपदों की सड़कों एवं नदियों के किनारों पर बहुत अधिक संख्या में गोवंश का विचरण होता है। शहरों में भी मंडियों के समीप एवं कालोनियों में गोवंश विचरण करते हैं। नगर आयुक्त और अधिशाषी अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए। नए अस्थायी गो-आश्रय स्थलों की स्थापना की सूचना तत्काल प्रेषित की जाए। जिलाधिकारी से लेकर एसडीएम तक सतत अनुश्रवण एवं पोर्टल का प्रयोग सुनिश्चित हो।
ग्रामीण क्षेत्रों में कैटल कैचर आपरेशन चलाएं
मुख्य सचिव ने कहा कि नदियों के किनारे हजारों की संख्या में गोवंश विचरण करते हैं। ट्रैक्टर माउंटेड कैटल कैचर की व्यवस्था एवं ट्रैक्टर का क्रय सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी विशेष दस्ते बनाकर आपरेशन चलाएं। हाइवे पर अन्तर्विभागीय कार्मिकों की विशेष टीमें बनाई जाएं। दस्तों के लिए टीम लीडर, कार्मिक, उपकरण एवं वित्तीय व्यवस्था हो, आंकड़े न छुपाएं और कार्यवाही करें।