अब गांवों में सब्जियों और फल,फूल को खराब होने से बचाया जा सकेगा। उन्हें कम से कम 15 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। छोटे किसानों को ध्यान में रखकर बनाया गया यह पूसा फार्म सनफ्रीज नामक मिनी कोल्ड स्टोरेज उनकी किस्मत बदल सकता है। इसका सफल प्रयोग राजस्थान में किया गया है।
दरअस्ल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(आइएआरआइ) ने एक ऐसा मिनी कोल्ड स्टोर बनाया है, जो बिना बिजली के चलता है। इसका सफल प्रयोग राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में किया गया है।
छोटे किसानों के लिए किया गया डिजाइन
पूसा के आइएआरआइ के एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग ब्रांच के प्रोफेसर इंद्रमणि और विज्ञानी डॉक्टर संगीता धींगरा की टीम ने इसे तैयार किया है। इसे दूरस्थ स्थानों के छोटे किसानों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इसके लिए बिजली की आवश्यकता नहीं है। इस सनफ्रीज को व्यावसायिक बनाने के लिए दो कंपनियों को लाइसेंस देन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। राजस्थान में इसकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण कुछ और कंपनियां भी इसके लिए कोशिश कर रही हैं।
ये भी पढ़ेंः कांग्रेस में क्यों मचा है घमासान?… जानिए इस खबर में
किसान कमा सकेंगे ज्यादा मुनाफा
मिनी कोल्ड स्टोर में दो टन पत्तेदार सब्जियां, फूल और फल करीब 15 दिनों तक सुरक्षित रखे जा सकते हैं। इस तकनीक के माध्यम से पोस्ट हार्वेस्ट यानी फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने की दिशा में नई क्रांति आ सकती है। इसे फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए भी वरदान माना जा रहा है। छोटे किसान अपनी उपज को बाजार के हिसाब से बेचकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।
ऐसे करता है काम
पूसा सनफ्रीज का विकास ऑन फार्म स्टोरेज यानी खेतों और उसके आसपास भंडारण के लिए किया गया है। सौर ऊर्जा आधारित इस संयंत्र में सोलर पैनल से पांच किलोवाट बिजली पैदा की जाती है। इस बिजली का उपयोग डेढ़ टन के एयर कंडिशंड को चलाने के लिए किया जाता है। ठंडे पानी को कमरे की छत पर लगाए गए फाइप के अंदर सर्कुलेट किया जाता है। इससे पूरा कमरा ठंडा रहता है। शाम को सूर्यास्त के साथ ही एसी और समसिंबल पंप भी बंद हो जाता है। ठंडा पानी छत्त पर लगे हुए फाइप के अंदर रुक जाता है। यह कमरे को रात भर ठंडा रखता है। इस प्रक्रिया में कमरे का तापमान 4 से 12 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।