जालना के अंबड तालुका के अंतरावली सराती में मनोज जारांगे पाटील ने मराठा आरक्षण पर निर्णय लेने के लिए सरकार को एक महीने का समय दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने एक महीने में फैसला नहीं लिया तो वे 31वें दिन फिर से भूख हड़ताल शुरू कर देंगे। यह आंदोलन आम मराठाओं ने शुरू किया है। कुछ नेता हमें परेशानी में डालने की कोशिश कर रहे हैं। मनोज जारांगे ने अपील की है कि कोई भी हिंसक प्रदर्शन न करे।
मनोज जारांगे ने कहा कि मराठा समुदाय के युवाओं को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करना चाहिए, न कि हिंसक तरीके से। जारांगे ने कहा कि हम अपने दुश्मनों को कामयाब नहीं होने देना चाहते हैं। इसलिए समाज ने सरकार को एक माह का समय दिया है।
जारांगे की सरकार से पांच मांग
जारंगे ने सरकार से कहा कि रिपोर्ट चाहे कैसी भी आए, महाराष्ट्र के मराठों को प्रमाण पत्र दिया जाए, महाराष्ट्र में दर्ज अपराधों की संख्या वापस ली जाए, दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाए, भूख हड़ताल तोड़ने के समय मुख्यमंत्री, दोनों उप मुख्यमंत्री, पूरी कैबिनेट मौजूद रहे। उदयनराजे भोसले, संभाजीराजे छत्रपति को भी आना चाहिए। उदयनराजे भोसले मध्यस्थ बनने जा रहे हैं।
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मनोज जारांगे ने कहा कि सरकार और मराठा समाज के बीच राजा होने चाहिए। उदयनराजे हमारे पक्ष में हैं। सरकार से मांग करते मनोज जारांगे ने कहा कि आप ये सब समयबद्ध तरीके से लिखकर दें और अगर आप एक महीने की बात से सहमत हैं तो हमें बताएं कि भूख हड़ताल कब तोड़ना है।
“सोच-समझकर बोलना जरुरी”
मनोज जरांगे पाटील ने कहा, “मैंने वचन दे दिया है कि कोई किसी की आलोचना नहीं करेगा। 31वें दिन जो करना है करो। एक पत्र आया है कि सभी दर्ज मामले वापस ले लिए गए हैं। साथ ही चार दोषियों को सस्पेंड कर दिया गया है, बाकी को भी हमेशा के लिए सस्पेंड कर दीजिए।” मनोज जारांगे ने कहा कि आरक्षण पाने के लिए सोच-समझकर बोलने और कदम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।