भारतीय पीएम पर गंदी बात… क्या बीबीसी पर भारत सरकार करेगी कार्रवाई?

बीबीसी अपनी खबरों की प्रस्तुति के लिए पहले भी विवादों में रहा है। ऐसे में अब नया विवाद देश के प्रधानमंत्री को लेकर है। जिसे बीबीसी माफी मांगकर निपटाना चाहता है।

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ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन एशियन नेटवर्क के रेडियो शो में भारतीय प्रधानमंत्री की माता जी पर गंदी बातें प्रसारित की गई हैं। ये उस समय हुआ जब बीबीसी साउंड पर ‘ईस्टेंडर्स’ नामक ओपराह चल रहा था। इसमें ‘सिख टर्बन’ को राजाओं के ताज के रूप में बताया गया। ये शो तीन घंटे का था जिसमें लोगों से सीधी बातचीत की गई। इसी दौरान एक कॉलर ने पीएम मोदी की माताजी को लेकर अश्लील बातें कह दीं। भारत के प्रधानमंत्री पर की गई इस अश्लील टिप्पणी पर अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या भारत बीबीसी पर कोई कार्रवाई करेगा।

सिख समुदाय पर बीबीसी साऊंड में कार्यक्रम चल रहा था। इस कार्यक्रम को पिया राय नामक प्रस्तोता संचालित कर रही थीं। इसमें सिख समुदाय के संघर्षों पर बात करने के लिए सीधे लोगों को जोड़ा जा रहा था। इस दौरान सिमोन नामक एक व्यक्ति जुड़ा और उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माताजी हीराबा पर अश्लील टिप्पणियां की। इसके बाद कार्यक्रम की प्रस्तोता ने सिमोन नामक उस व्यक्ति को धन्यवाद कहते हुए शो से अलग कर दिया। यह प्रकरण तब प्रकाश में आया जब ब्रिटिश इंडियंस वॉईस नामक संगठन ने इस मुद्दे को उठाया।

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इस बारे में ब्रिटिश इंडियंस नामक संस्था ने ब्रॉडकास्टर के लाइसेंस पर पुनर्विचार की याचिका की है।

कार्यक्रम से हटाया अश्लील कंटेट
बीबीसी ने कार्यक्रम से अश्लील टिप्पणी को हटा दिया है। यह घटना तीन घंटे के कार्यक्रम में 1 घंटे 32 मिनट पर हुई है। कार्यक्रम की प्रस्तोता ने इसमें माफी मांग ली है। कार्यक्रम की प्रस्तोता ने कहा कि, हम आगे बढ़ें उसके पहले अश्लील शब्दों के उपयोग के लिए माफी मांगते हैं। जो एक मेहमान ने कही हैं। यह एक लाईव प्रसारण है जिसमें हम अक्सर विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा करते हैं।

विवादास्पद बीबीसी के और भी हैं कारनामे

  • 2020 में प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शशिशेखर वेम्पति ने बीबीसी के कार्यक्रम का आमंत्रण ठुकरा दिया था। कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली में किया गया थाय़ इसमें शशिशेखर वेम्पति ने बीबीसी के डायरेक्टर जनरल को पत्र लिखकर दिल्ली दंगे में एकपक्षीय, तथ्यहीन और भारत विरोधी रिपोर्टिंग का आरोप लगाया था। उन्होंने ने अपने पत्र में लिखा था, “दिल्ली में हिंसा की घटनाओं के बारे में बीबीसी की कवरेज को देखते हुए मैं सम्मानपूर्वक यह न्यौता ठुकरा रहा हूं.”
  • 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी बीबीसी ने एक बड़े विरोध प्रदर्शन का वीडियो प्रसारित किया था। उसी समय इस वीडियो को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे। लोगों का आरोप था कि वह वीडियो सीमा पार का था। जिसे तोड़मरोड़कर पेश किया गया था। https://twitter.com/shekharkapur/status/1160422347452456961अभिनेता निर्देशक शेखर कपूर ने बीबीसी का जबरदस्त विरोध किया था। उन्होंने लिखा था, जितनी बार आप कश्मीर को इंडियन ऑक्युपाईड कश्मीर कहते हैं, मैं आश्चर्यचकित होता हूं कि आप नार्दर्न आयरलैंड को ब्रिटिश ऑक्युपाईड आयरलैंड कहने से क्यों इन्कार करते हैं।
  • 2014 की 16 मई को नरेंद्र मोदी पर नकारात्मक टिप्पणियां की गई थीं। इसे लेकर भारतीय मूल की ब्रिटिश सांसद प्रीति पटेल ने बीबीसी की खिंचाई की थी। प्रीति पटेल ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के मंत्रीमंडल में भारतीय प्रवासी मामलों मे दखल रखती थीं। इसे लेकर प्रीति ने 19 मई को एक पत्र बीबीसी के महानिदेशक लॉर्ड टोनी हॉल को पत्र भी लिखा था।
  • 2011 में भी बीबीसी के कार्यक्रम टॉप गियर में भारतीय संस्कृति और भारतियों के विषय में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इस विषय में लंदन में भारतीय उच्चायोग ने 6 जनवरी 2012 को एक पत्र कार्यक्रम के निर्माता क्रिस हाले को लिखा था।

 

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