कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता प्रोजेक्ट परियोजना के सफल क्रियान्यवन के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रविवार को श्योपुर जिले के सेराईपुरा में समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर वन महानिदेशक, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सीपी गोयल ने कहा कि चीता प्रोजेक्ट न सिर्फ क्षेत्र के इको सिस्टम को परिपूर्णता देकर जैव विविधता को बढ़ाता है, बल्कि एक सस्टेनेबल भविष्य के प्रति हमारे प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि चीता प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन-भागीदारी के मंत्र तथा वन अर्थ एवं मिशन लाईफ की अवधारणा पर खरा उतरता है।
वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरके गुप्ता एवं वन बल प्रमुख एसपी यादव, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण के सदस्य सचिव शुभरंजन सेन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश एवं अन्य अधिकारियों ने समारोह में भाग लिया।
कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरके गुप्ता ने चीता प्रोजेक्ट की सफलता पर कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने बताया पिछले वर्ष 17 सितंबर का दिन हमारे देश के वन्यप्राणी संरक्षण एवं प्रबंधन के इतिहास में अभूतपूर्व रहा है, जब 75 वर्षों बाद देश की धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले वन्यप्राणी चीता का पुनर्स्थापन किया गय
उन्होंने कहा कि चीता प्रोजेक्ट भारत सरकार, नामीबीया, दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष अधिकारियों, वैज्ञानिकों, वन्यजीव विशेषज्ञ वन्यप्राणी चिकित्सक, संयुक्त दल के मार्गदर्शन में क्रियान्वित किया गया। प्रोजेक्ट चीता में स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। उन्हें रोजगार के विभिन्न अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। देश में चीता पुनर्स्थापन हेतु मध्यप्रदेश के गाँधी सागर अभ्यारण में आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. एस.पी. यादव द्वारा अतिथियों के स्वागत उद्बोधन में चीता प्रोजेक्ट एक वर्ष के उपलब्धियों की जानकारी दी गई। इसके बाद अतिथियों ने चीता प्रोजेक्ट की वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन किया। हीरो मोटो कॉर्प द्वारा सी.एस.आर. के तहत प्रदाय की गई 50 मोटर साइकिल कर्मचारियों को वितरित की गईं। प्रोजेक्ट चीता की उपलब्धियों पर निर्मित लघु वृत्त चित्र का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक अतुल श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण
कूनों में रविवार को दो चीतों गौरव एवं शौर्य का स्वास्थ्य परीक्षण पूरा किया गया। इसके बाद उन्हें साफ्ट रिलीज बोमा में छोड़ा गया। वर्तमान में दोनों चीते स्वस्थ हैं। स्वास्थ्य परीक्षण के दोनों चीतों को 19 जुलाई को क्वारेंटाइन बोमा में रखा गया था। यह कार्य कूनो में पदस्थ वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम द्वरा किया गया।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में केन्द्र सरकार ने चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाकर 20 चीतों को बसाया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 2022 में अपने जन्मदिन के मौके पर यहां नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो के बाड़ों में रिलीज किया था। इसके बाद यहां दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे, जिन्हें केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कूनो के बाड़ों में छोड़ा था। इनमें से एक मादा चीता ने यहां चार शावकों को जन्म दिया था। इस तरह कूनो में चीतों की कुल संख्या 24 हो गई थी, लेकिन इसी साल मार्च से जुलाई के बीच चार माह में यहां नौ चीतों की मौत हो चुकी है। इनमें छह चीते और तीन शावक शामिल हैं। अब कूनों में 15 चीते बचे हैं, जिनमें एक शावक भी शामिल है। सभी चीते फिलहाल स्वस्थ हैं और वन विभाग की निगरानी में हैं।
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