UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शांति निकेतन, मोदी के काल में जुड़े 11 विश्व धरोहर स्थल

नोबेल पुरस्कार विजेता रबींन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) के घर 'शांति निकेतन' को यूनेस्को ने विश्व विरासत सूची में शामिल किया है। यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। शांति निकेतन पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शांति निकेतन (Shanti Niketan) के यूनेस्को (UNESCO) को विश्व धरोहर सूची का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया:

“खुशी है कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के दृष्टिकोण और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक शांति निकेतन को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है।”

रबींन्द्रनाथ टैगोर का घर है ‘शांति निकेतन’
नोबेल पुरस्कार विजेता रबींन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) के घर ‘शांति निकेतन’ को यूनेस्को ने विश्व विरासत सूची में शामिल किया है। यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। शांति निकेतन पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है। यूनेस्को की घोषणा के बाद यह भारत की 41वीं विश्व विरासत संपत्ति बन गया है। 17 सितंबर को रियाद (सऊदी अरब) में आयोजित 45वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया।

2010 से था यूनेस्को की अस्थायी सूची में
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के मुताबिक शांति निकेतन के लिए भारत का नामांकन मानदंड चार और छह के तहत प्रस्तावित किया गया था और साल 2010 से यूनेस्को की अस्थायी सूची का हिस्सा रहा है। शांतिनिकेतन के लिए नामांकन डोजियर जनवरी 2021 में विश्व विरासत केंद्र को प्रस्तुत किया गया था। शांति निकेतन को प्रतिष्ठित सूची में शामिल करने का सर्वसम्मति से निर्णय 21 देशों की विश्व धरोहर समिति द्वारा लिया गया।

विश्व धरोहर संपत्तियों में शांति निकेतन को शामिल करने के साथ, भारत में अब कुल 41 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें 33 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और एक मिश्रित संपत्ति शामिल है। इसके साथ भारत अब इटली, स्पेन, जर्मनी, चीन और फ्रांस के साथ 41 या अधिक विश्व धरोहर स्थलों वाले देशों की श्रेणी में पहुंच गया है।

पीएम मोदी के काल जुड़े 11स्थल
एएसआई के मुताबिक साल 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 11 से अधिक नए विश्व धरोहर स्थलों (world heritage sites) को इस सूची में जोड़ा गया है। उल्लेखनीय है कि शांतिनिकेतन रवीन्द्रनाथ टैगोर के दूरदर्शी सोच का प्रतीक है। सन् 1863 में एक आश्रम के रूप में स्थापित, टैगोर ने गुरुकुल परंपरा का पालन करते हुए 1901 में इसे एक स्कूल और कला केंद्र में बदल दिया था। उनका दृष्टिकोण, “विश्व भारती”, प्राचीन, मध्ययुगीन और लोक परंपराओं के मिश्रण, वैश्विक एकता पर केंद्रित था।

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