देश की पुरानी संसद (old parliament)में आखिरी दिन की कार्यवाही के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि भारत अब नई चेतना (new consciousness) और नई ऊर्जा के साथ जाग्रत हो चुका है। यही ऊर्जा और चेतना देश को समृद्धि तक पहुंचाएगी। मुझे विश्वास है इच्छित परिणाम अवश्य मिलेंगे। आज भारत (India) 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था पर है, लेकिन बहुत तेजी से नंबर तीन की तरफ बढ़ रहा है। मैं ये सब बड़े विश्वास से कह रहा हूं। भले ही कुछ बुद्धिजीवी इसमें संशय करें, लेकिन आज दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप थ्री में पहुंच कर ही रहेगा।
दुनिया में चर्चा का कारण बना भारत का बैंकिंग सेक्टर
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि भारत का बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) अपनी मजबूती के कारण दुनिया में चर्चा का कारण बना है। भारत का यूपीआई, भारत की तकनीक विश्व के लिए कौतुक भी है और स्वीकृत भी है। हम लोग भाग्यवान हैं कि हमें कुछ दायित्व निभाने का अवसर मिला है। गुलामी के जंजीरों ने उसकी आकांक्षा (aspiration) को दबोच कर रखा। भारत चुनौती से जूझ रहा था। लेकिन भारत आज नये लक्ष्य गढ़ना चाहता है।
सोच का कैनवास बड़ा करना होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद (Parliament) से जाने वाला हर संदेश भारत की आकांक्षा को बढ़ाने वाला होना चाहिए । हम जो भी सुधार करें उसके मूल में भारतीय आकांक्षाएं प्राथमिकता में होनी चाहिए। मैं कहना चाहता हूं कि जैसे छोटे कैनवास पर बड़ा चित्र नहीं बन सकता, वैसे ही सोचने का कैनवास बड़ा किये बिना भव्य भारत का निर्माण नहीं कर सकते । हमारे पास एक बहुत बड़ी विरासत है। इस विरासत के साथ हमारे सोचने का दायरा मिल जाए, तो हम लक्ष्य तक जल्दी पहुंच जाएंगे। इसके लिए भारत को अब बड़े कैनवास पर काम करना ही होगा। छोटी- बातों में उलझने का समय चला गया। आज दुनिया भारत के आत्मनिर्भता की चर्चा करने लगी है। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प पूरा करना हम सबका दायित्व है।
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