प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 19 सितंबर को हम यहां से विदाई लेकर संसद के नए भवन में जा रहे हैं लेकिन हमें पुराने भवन की भी प्रतिष्ठा बरकरार रखनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ के रूप में जाना जाए।
प्रधानमंत्री 19 सितंबर को विशेष सत्र के दौरान संसद को नई इमारत में शिफ्ट करने से पहले सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं और कहा कि नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के संकल्प और दृढ़ संकल्प के साथ नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे हैं।”
संविधान सदन नाम रखने का सुझाव
पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ के नाम से पुकारे जाने का सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “इस भवन को पुरानी संसद कहकर नहीं छोड़ना चाहिए। मैं उपराष्ट्रपति महोदय और स्पीकर महोदय से प्रार्थना करूंगा कि भविष्य में इसे संविधान सदन के रूप में जाना जाए।”
विकसित भारत का संकल्प दोहराने के साथ प्रस्थान
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।
छोटे कैनवस पर बड़ी पेंटिंग संभव
प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्या छोटे कैनवास पर बड़ी पेंटिंग बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि अपनी सोच का दायरा बढ़ाए बिना हम अपने सपनों का भव्य भारत नहीं बना सकते। प्रधानमंत्री ने भारत की भव्य विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि अगर हमारी सोच इस भव्य विरासत से जुड़ जाए तो हम उस भव्य भारत की तस्वीर बना सकते हैं। मोदी ने कहा, “भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा। अब समय छोटी-छोटी बातों में उलझने का नहीं है।”
आत्मनिर्भर भारत के निर्माण को प्रधानता
उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की प्रधानता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शुरुआती आशंकाओं को खारिज करते हुए दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा, विनिर्माण, ऊर्जा और खाद्य तेल के क्षेत्र में कौन आत्मनिर्भर नहीं बनना चाहेगा और इस तलाश में दलगत राजनीति बाधा नहीं बननी चाहिए।
अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर कही ये बात
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में जन प्रतिनिधियों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बड़े गर्व के साथ रेखांकित किया कि हमारे पूर्वजों द्वारा हमें प्रदान किया गया संविधान अब जम्मू और कश्मीर में लागू किया जा रहा है। मोदी ने कहा, “आज, जम्मू-कश्मीर शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है और यहां के लोग अब अवसरों को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहते।”