महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए एक समिति गठित की है, जिसमें 20 अतिरिक्त अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। यह सभी अधिकारी राज्य सरकार की ओर से गठित समिति के कामकाज में सहयोग करेंगे।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा समाज को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने के लिए समिति का गठन करने का आदेश दिया था। इसके तहत राज्य सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजगोपाल देवराज और न्यायमूर्ति संदीप शिंदे के नेतृत्व में समिति गठित की है। इस समिति में 2 अवर सचिव और एक उप सचिव भी शामिल हैं।
समिति को मदद करने के लिए 20 अतिरिक्त अधिकारी नियुक्त
इस समिति को मदद करने के लिए राज्य सरकार ने 20 अतिरिक्त अधिकारियों को नियुक्त किया है। इसी तरह मराठा समाज को पुराने दस्तावेज के आधार पर आरक्षण देने की मांग के बाद दस्तावेज ढूंढने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। पुराने दस्तावेज की खोज के लिए संभाजीनगर मंडल कार्यालय से एक टीम हैदराबाद भेजी गई थी, लेकिन उस टीम के हाथ कुछ नहीं लगा है।
कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देने के लिए गठित की गई है समिति
मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ता मनोज जारंगे पाटील ने जालना में मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल की थी। इसी के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कैबिनेट की बैठक में मराठा समाज को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र निजामकालीन दस्तावेज देख कर दिए जाने की घोषणा की थी। साथ ही इस काम के लिए समिति गठित करने की भी घोषणा की थी।
सरकार को दिया एक महीने का समय
इसके बाद मनोज जारंगे ने अपनी भूख हड़ताल वापस ली थी, लेकिन मनोज जारंगे ने सरकार को एक महीने का वक्त दिया है। अगर एक महीने के अंदर राज्य सरकार ने मराठा समाज को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देना शुरू नहीं किया तो, मनोज जारंगे पाटील फिर से भूख हड़ताल करने लगेंगे। इसी वजह से मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए सरकार हर तरह से प्रयासरत दिखने लगी है।