Money Laundering Case: कंपनी के मालिक को राहत नहीं, कोर्ट ने की ये टिप्पणी

183

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार सुपरटेक कंपनी के मालिक आरके अरोड़ा को कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि हिरासत के दौरान मुंबई जाकर अपने वित्तीय ऋणदाताओं से मीटिंग करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

हालांकि, कोर्ट ने कहा कि अरोड़ा को जेल मैन्युअल के मुताबिक जेल अधीक्षक जेल से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुलाकात की व्यवस्था कर सकते हैं। दरअसल, निचली अदालत के जमानत न देने के आदेश को चुनौती देते हुए सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने वित्तीय ऋणदाताओं के साथ मीटिंग करने की अनुमति देने की मांग की थी।

पटियाला कोर्ट ने भी नहीं दी थी राहत
इसके पहले 22 जुलाई को पटियाला हाउस कोर्ट ने आरके अरोड़ा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने अरोड़ा को 27 जून को गिरफ्तार किया था। सुपरटेक समूह के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई एफआईआर दर्ज हैं। इसी आधार पर ईडी ने सुपरटेक समूह, उसके निदेशकों व प्रमोटरों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। अप्रैल में ईडी ने सुपरटेक और उसके निदेशकों की 40 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त की थीं।

ये है आरोप
एफआईआर में अरोड़ा और सुपरटेक पर फ्लैट बुक कराने वालों से अग्रिम राशि लेकर धोखाधड़ी करने के आरोप हैं। ईडी के मुताबिक सुपरटेक और समूह की कंपनियों ने फ्लैट खरीदारों की राशि के आधार पर बैंक से कर्ज लिये और राशि का गबन कर लिया। दूसरी कंपनियों के नाम से जमीन खरीदी गई और उनके आधार पर भी बैंकों से कर्ज लिया। आरके अरोड़ा उसी कंपनी के मालिक हैं, जिसके नोएडा में बने ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस ट्विन टावर को 28 अगस्त, 2022 को गिरा दिया गया था।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.