Chandrayaan 3: इसरो की कोशिशें जारी, प्रज्ञान – विक्रम से नहीं हो पा रहा संपर्क

चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा पर एक दिन पूरा कर लिया है।

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चंद्रयान इसरो

चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) को लेकर एक बड़ा अपडेट आया है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (Indian Space Agency) इसरो (ISRO) ने कहा है कि शुक्रवार को उसने विक्रम लैंडर (Vikram Lander) और प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की। इसका उद्देश्य उनकी जागृत अवस्था का पता लगाना है। फिलहाल उनकी तरफ से कोई संकेत नहीं मिला है। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी हैं। इससे पहले इसरो (अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र) के निदेशक नीलेश देसाई ने कहा कि चंद्रमा पर सूर्य उग आया है। पहले योजना यह थी कि लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को शुक्रवार को फिर से सक्रिय किया जाएगा। लेकिन, कुछ कारणों से इस योजना को स्थगित कर दिया गया है। इसके लिए 23 सितंबर को प्रयास किया जाएगा। उन्होंने अपने बयान में इस बात का जिक्र नहीं किया कि इसरो ने संपर्क स्थापित करने की कोशिश की थी। इसी से भ्रम की स्थिति पैदा हुई।

योजना के मुताबिक, 22 सितंबर की शाम को लैंडर और रोवर को दोबारा सक्रिय किया जाना था। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने 4 सितंबर को इसे स्लीप मोड में डाल दिया था। इसरो ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, “विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संचार स्थापित करने के प्रयास किए गए हैं ताकि उनकी जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके।” फिलहाल उनकी तरफ से कोई संकेत नहीं मिला है। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे।

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विक्रम और प्रज्ञान को पुनः सक्रिय करने का प्रयास
इसरो का यह अपडेट नीलेश देसाई द्वारा दी गई जानकारी के बाद आया है। दोनों सूचनाओं में सबसे बड़ा अंतर यह था कि देसाई ने यह नहीं बताया कि शुक्रवार को लैंडर और रोवर से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया था। हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ कारणों से लैंडर और रोवर को दोबारा सक्रिय करने की योजना को एक दिन के लिए टाल दिया गया है। अब शनिवार को विक्रम और प्रज्ञान को दोबारा सक्रिय करने की कोशिश की जाएगी। दोनों के बयानों में अंतर होने से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई।

दोनों मॉड्यूल को भेजा गया सिग्नल
20-21 सितंबर को चंद्रमा पर सुबह होती है। यहां रात के समय कई इलाकों में तापमान -238 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, इसीलिए चंद्रमा पर सुबह होने के बावजूद इसरो दो दिन से इंतजार कर रहा था, ताकि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान पर लगे सोलर पैनल से बैटरी ठीक से चार्ज हो सके। इसके बाद इसरो ने चंद्रयान-3 के इन दोनों मॉड्यूल्स को सिग्नल भेजने के लिए शुक्रवार का दिन तय किया था। इसरो वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को विक्रम और प्रज्ञान रोवर से संपर्क करने की लगातार कोशिशें कीं, जो असफल रहीं। हालांकि, इसरो ने ट्वीट किया कि प्रयास जारी रहेंगे।

रोवर सिर्फ 105 मीटर की दूरी तय कर सका
लैंडिंग के बाद 15 दिनों के दौरान रोवर प्रज्ञान ने विभिन्न प्रकार के शोध के लिए चंद्रमा की सतह पर लगभग 100 मीटर की दूरी तय की। उन्होंने दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रमा की सतह पर सल्फर (एस) की उपस्थिति की पुष्टि की। इसरो ने शुरुआत में रोवर के लिए 300-350 मीटर की दूरी तय करने की योजना बनाई थी। लेकिन, कुछ कारणों से रोवर केवल 105 मीटर की दूरी ही तय कर सका। इसके बावजूद मिशन उम्मीद से ज्यादा सफल रहा। लैंडर विक्रम ने चंद्रमा पर हॉप परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया, जो भविष्य के चंद्र मिशन और मानव अन्वेषण के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

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