उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले की कोतवाली पुलिस ने रविवार (24 सितंबर) को नकली दवाओं (Fake Medicines) की ऑन डिमांड आपूर्ति करने वाले एक गिरोह (Gang) का पर्दाफाश किया। पुलिस (Police) ने इस गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार (Arrested) कर उनके कब्जे से नकली दवाओं का जखीरा बरामद किया है। यह गिरोह नकली दवाइयां मंगाकर विभिन्न मेडिकल स्टोर (Medical Store) पर आपूर्ति करता था।
शहर पुलिस उपायुक्त निपुण अग्रवाल ने बताया कि लगातार सूचनाएं मिल रही थीं कि कुछ लोग बाहर से नकली दवाइयां मंगाकर गाजियाबाद में बेच रहे हैं। सूचना के आधार पर त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद टीम ने रेलवे स्टेशन के पास मालगोदाम यात्री शेड से लोगों को नकली दवाइयों के 30 डिब्बे, 26 रबड़ की फर्जी मोहर और 04 मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ पर आरोपितों ने पुलिस को बताया कि हम लोग कोटद्वार उत्तराखंड निवासी एक व्यक्ति के जरिए नकली दवाइयां मंगाते हैं। फिर इन्हें गाजियाबाद में सस्ते दामों पर मेडिकल स्टोर को बेचकर मुनाफा कमाते हैं और उन रुपयों को हम लोग आपस मे बांट लेते हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों में बुलंदशहर जिले के ग्राम हींगवाड़ा निवासी श्रीपाल, बिहार के आरा जिले के निवासी मुकेश, गाजियाबाद के दिल्ली गेट निवासी साबेज उर्फ शानू और गाजियाबाद के पटेल नगर थाना सिहानी गेट निवासी पुनीत मित्तल हैं।
बरामद सभी दवाएं नकली
अग्रवाल ने बताया कि उनके पास से जो दवाइयां मिली हैं उनमें ओजमेंटिन दवा के एक डिब्बे का मूल्य 2600 रुपये है, जबकि ये लोग उसे स्टोर संचालकों को मात्र 650 रुपये में बेचते हैं। इसी तरह अल्ट्रासेट टेबलेट के डिब्बे का मूल्य दो हजार से ज्यादा प्रिंट है जबकि ये लोग मात्र 450 रुपये में आपूर्ति करते थे। बरामद सभी दवाइयां नकली हैं।
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