महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष के दौरान विधायकों की अयोग्यता की सुनवाई की जा रही है। 25 सितंबर की सुनवाई पर सभी का ध्यान था। इस दिन कुल 34 याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी, इसलिए विधायकों की अयोग्यता को लेकर बड़ा फैसला होने की संभावना थी। शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने बताया कि 25 सितंबर की सुनवाई खत्म हो गई है और अगली सुनवाई के लिए शेड्यूल तैयार किया जाएगा। सुनवाई खत्म होने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, शिवसेना विधायकों की अयोग्यता का मामला विधानसभा अध्यक्ष के पास है। मई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस मामले की सुनवाई नहीं की जा रही थी और ठाकरे गुट के विधायक इसकी आलोचना कर रहे थे। कुछ दिन पहले इस मामले में पहली सुनवाई शुरू हुई है। ऐसे में 25 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सेंट्रल हॉल में दूसरी अर्जेंट सुनवाई की। संजय शिरसाट ने कि आज बताया कि दोपहर में हुई सुनवाई का फैसला स्पीकर ने सुरक्षित रख लिया है।
स्पीकर सभी की दलील सुनने के लिए सहमत
संजय शिरसाट ने कहा, ”हमारे गुट के वकील कुछ सबूत दाखिल करना चाहते हैं, इसे सुना जाना चाहिए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कार्यक्रम तय किया जाएगा। 25 सितंबर का फैसला इसके लिए सुरक्षित है।” उन्होंंने कहा,” ऑनलाइन सुनवाई को लेकर सामने आ रहे बयानों पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जताई है। इसलिए दोनों वकीलों की सहमति से 25 सितंबर का फैसला सुरक्षित रखा जा रहा है। स्पीकर ने सुनवाई में कहा कि वे अगली बार तय कार्यक्रम के मुताबिक सुनवाई करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष प्रेस नोट के जरिए सुनवाई के कार्यक्रम की घोषणा कर सकते हैं।” संजय शिरसाट ने कहा, “स्पीकर सभी की दलीलें सुनने के लिए सहमत हो गए हैं।”
अगली सुनवाई कब है?
25 सितंबर की सुनवाई खत्म हो गई है और अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी। चली सुनवाई में दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक सुनवाई को लेकर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी। इसलिए, सभी याचिकाओं को समेकित करने और एक ही सुनवाई करने के लिए उद्धव ठाकरे गुट द्वारा एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर शिंदे गुट के वकीलों ने आपत्ति जताई थी। प्राप्त जानकारी केस अनुसार, प्रत्येक याचिका पर व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की जाएगी और प्रत्येक याचिका पर साक्ष्य दिए जाएंगे।