Uttarakhand: केंद्रीय गृह मंत्री ने पैक्स का बढ़ाया दायरा, अब इन बड़े व्यवसायों के मिलेंगे लाइसेंस

अमित शाह ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक जिले में पांच पैक्स की ओर से जल जीवन मिशन योजना के तहत जलापूर्ति संचालन और रखरखाव का कार्य करने को कहा। साथ ही पैक्स को पेट्रोल-डीजल पंप (Petrol-Diesel Pump) खोलने और गैस एजेंसी खोलने के लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे।

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पैक्स (PACS) को पेट्रोल-डीजल पंप खोलने के साथ ही गैस एजेंसी (gas agency) खोलने के लाइसेंस (licenses) प्रदान किए जाएंगे। उत्तराखंड (Uttarakhand) के सभी 670 पैक्स में कॉमन सर्विस सेन्टर और प्रत्येक जनपद में पांच पैक्स में प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र और प्रत्येक पैक्स में प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र खोला जाएगा।

केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 07 अक्टूबह को वन अनुसंधान केन्द्र (एफआरआई) में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ राज्य सहकारिता, आपदा प्रबंधन, गृह विभाग, वाइब्रेंट विलेज की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये। अमित शाह ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक जिले में पांच पैक्स की ओर से जल जीवन मिशन योजना के तहत जलापूर्ति संचालन और रखरखाव का कार्य करने को कहा। साथ ही पैक्स को पेट्रोल-डीजल पंप (Petrol-Diesel Pump) खोलने और गैस एजेंसी खोलने के लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे।

जोशीमठ आपदा की ली जानकारी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ आपदा के संबंध में भी राज्य के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस दौरान केन्द्र सरकार से 1845 करोड़ की सहायता राशि जोशीमठ के लिए मंजूर के लिए सहमति प्रदान की गई। इसमें 1464 करोड़ का केंद्रीय अंश जल्द ही जारी किया जाएगा। गृह मंत्री ने आपदाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए गए। सचिव आपदा प्रबंधन की ओर से गृह मंत्री को बताया गया कि राज्य की ओर से मल्टी हज़ारडस अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया जा रहा है। इसका 118 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर प्रेषित किया गया है। इस योजना को विश्व बैंक से पोषित किया जाना है।

गृह मंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित शहरों में जो भवन निर्माण के लिए ईको फ्रेंडली और सतत विकास की अवधारणा के अनूरूप हों, ऐसी भवन उपविधियां बनाने के निर्देश दिये। पर्वतीय क्षेत्रों में वर्तमान में स्थित शहरों के बाबत पूछने पर बताया कि टोपोग्राफिकल, जिओटेक्निकल, जीओलॉजिकल, ज्योग्राफिकल और मिट्टी, पानी, कैरिंग कैपिसिटी को लेकर समस्त शहरों का अलग अलग परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण के उपरांत परिणाम आएंगे, उनके हिसाब से सबके लिए अलग-अलग नियम और विधियां बनाई जाएंगी।

गृह विभाग की समीक्षा बैठक:
केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से सीमा प्रबंधन से लेकर आपदा प्रबंधन, आईटी एक्ट, फायर सर्विसेज, जेल विभाग, प्रॉसिक्यूशन इत्यादि की समीक्षा की गई। उन्होंने मॉडल जेल एक्ट, मॉडल फायर बिल को लेकर के सम्बंध में भी चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री के थीम एक राष्ट्र, एक यूनिफॉर्म पुलिस के बारे में चर्चा की गई। पुलिस प्रशिक्षण में एकरूपता को लेकर भी इस दौरान चर्चा की गई। एनडीपीएस और ड्रग्स में प्रभावी कार्यवाही करने के लिए राज्य स्तर और जिला स्तर पर एनकॉर्ड की बैठकें नियमित रूप से करने के निर्देश दिए गए। नेशनल ऑटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटीफिकेशन सिस्टम में अधिक से अधिक अपराधियों का रिकॉर्ड अपलोड करने को भी निर्देशित किया गया।

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