10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं (Board Exams) को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) का बड़ा बयान सामने आया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा है कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार देना जरूरी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह हर छात्र (Students) के लिए पूरी तरह से वैकल्पिक होगा और इसका मुख्य कारण बच्चों में डर के कारण होने वाले तनाव को कम करना है।
सीएबीई को दोबारा तैयारी की जरूरत है
शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा, ‘केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसका पुराना संस्करण बहुत बड़ा और व्यापक है और आज की शिक्षा की मांगें बहुत अलग हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब हम एनईपी के साथ एक आदर्श बदलाव कर रहे हैं, सीएबीई को भी फिर से तैयारी करने की जरूरत है। प्रधान ने आगे कहा कि शिक्षा, कौशल विकास मंत्रालय 21वीं सदी के कार्यस्थल क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए काम कर रहा है। शिक्षार्थियों को तैयार करने के लिए मिलकर काम करना।
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हमें तनाव मुक्त रखना हमारी जिम्मेदारी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रसाद ने कहा कि कोटा में छात्रों की आत्महत्या एक संवेदनशील मुद्दा है, छात्रों को तनाव मुक्त रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा कि किसी की भी कीमती जान नहीं जानी चाहिए क्योंकि वे हमारे बच्चे हैं।
गंभीरता से चर्चा करने की जरूरत है
कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि किसी की जान न जाए, किसी को कोचिंग की जरूरत न पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार इस मामले पर कदम उठा रही है। ‘फर्जी स्कूलों’ के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, अब समय आ गया है कि इस पर गंभीरता से चर्चा की जाए।
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