भारत हुआ और शक्तिशाली, सेना ने किया ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

दुनिया की सबसे तेज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के भूमि हमले संस्करण का पहला परीक्षण 24 नवम्बर, 2020 को भारतीय सेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ही किया था।

231

भारतीय सेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप में 10 अक्टूबर को नई रेंज की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया। विस्तारित रेंज वाली ब्रह्मोस 450 किलोमीटर तक लक्ष्य को भेद सकती है। यह सफल परीक्षण सेना की ब्रह्मोस मिसाइल रेजिमेंट ने पिन प्वाइंट सटीकता के साथ किया। इसके लिए एक अन्य द्वीप पर लक्ष्य रखा गया था, जिसे मिसाइल ने सटीक निशाना बनाया। इस सफल मिसाइल परीक्षण से भारतीय सेना के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। साथ ही दुश्मनों के लिए भारत और अधिक मजबूत हो गया है।

भारत ने की थी घोषणा
इस महीने की शुरुआत में भारत ने एयरमेन को एक नोटम में कहा था कि 10 अक्टूबर को 450 किमी. या उससे अधिक की दूरी पर लक्ष्य को मारने वाली ब्रह्मोस के संस्करण का परीक्षण कर सकता है। परीक्षण के लिए अधिसूचित नो-फ्लाई जोन में सुझाव दिया गया था कि मंगलवार को क्रूज मिसाइल का विस्तारित संस्करण 450 किमी. या उससे अधिक की दूरी पर लक्ष्य को मार सकता है। नोटम एक तरह का नोटिस है, जो विमान पायलटों को हवाई मिशनों को सूचना देने के लिए जारी किया जाता है, ताकि उड़ान मार्ग या संभावित खतरों के बारे में सचेत किया जा सके।

दुश्मन देशों की बढ़ेंगी मुश्किलें
भारत के लगातार सफल परीक्षण किये जाने से विरोधियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दुनिया की सबसे तेज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के भूमि हमले संस्करण का पहला परीक्षण 24 नवम्बर, 2020 को भारतीय सेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ही किया था। ब्रह्मोस लैंड-अटैक मिसाइल को चीन के खिलाफ लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में तैनात किया गया है। ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस कुछ सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब एयरबेस में तैनात हैं। भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई ब्रह्मोस अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है, जिसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी बना दिया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.