छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा अफजल खान की हत्या में इस्तेमाल किए गए वाघ नख पर संदेह करने वालों को जवाब देने के लिए मुंबई भाजपा ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया है। ‘शंकेखोरांचा कोथळा बाहेर काढणारच – वाघ नखांच्या निमित्ताने’ यानी वाघ नख को लेकर शक करने वाले लोगों की शंका दूर करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने 11 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी है।
इस कार्यक्रम में मशहूर अभिनेता डॉ. राहुल सोलापुरकर का व्याख्यान और शाहिर नंदेश उम्प की पोवाड़ा प्रस्तुति का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम 12 अक्टूबर को शाम 5.30 बजे दादर (प.) स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक सभागृह में आयोजित किया जाएगा।
महाराष्ट्र सरकार ने किया समझौता
इस अवसर पर बोलते हुए मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा, “लंदन के एक संग्रहालय से महाराष्ट्र सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा इस्तेमाल किए गए वाघ नख लाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। वाघ नख नवंबर में तीन साल के लिए आ रहे हैं। मुंबई, नागपुर, सोलापुर सतारा सहित महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में, ये वाघ नख जनता को देखने के लिए रखे जाएंगे। यह कार्यक्रम विपक्ष के उन नेताओं को करारा जवाब देने के लिए किया जा रहा है, जिनका दिमाग और बुद्धि आदित्य ठाकरे को बेवकूफ बनाने के अलावा और कहीं नहीं चलता है। विधायक और भाजपा मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने अपील की है कि जिन्हें संदेह है, वे अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए कार्यक्रम में जरुर आएं।”
आशीष शेलार ने विरोधियों पर साधा निशाना
आदित्य ठाकरे के बारे में सवालों के जवाब देते हुए आशीष शेलार ने कहा,”जो सोये हुए हैं, उन्हें जगाया जा सकता है लेकिन जो लोग सोने का नाटक कर रहे हैं, उनका क्या किया जा सकता। यदि आदित्य ज्ञान प्राप्त करना चाहता हैं और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहता है, तो हम निश्चित रूप से उन्हें सम्मान के साथ बुलाएंगे। हम सच्चाई पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके संदेह को हल्के में नहीं लिया जा सकता। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि आगामी लोकसभा, बीएमसी में एक खास वर्ग का वोट उन्हें मिल सके।
एक खास वर्ग के वोट के लिए राजनीति
शेलार ने कहा, “वोटों के लिए अफजल खान की ऐतिहासिक घटना की उपेक्षा नहीं की जा सकती। एक वर्ग को खुश करने के लिए वाघ नख के असली होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। ये सब योजनाबद्ध है। मुंबई और महाराष्ट्र में लोग इसे देख रहे हैं। डोंगरी, मोहम्मद अली रोड पर आज भी उर्दू, फारसी, अरबी भाषाओं के बोर्ड लगे हुए हैं। कोई उसे दोष नहीं देता। जो लोग डोंगरी और मोहम्मद अली रोड पर लगे बोर्डों पर सवाल नहीं उठाते, वे गुजराती में घाटकोपर लिखे बोर्ड पर तोड़फोड़ करते हैंं। हिम्मत है तो वहां तोड़फोड़ करो। वे वहां जाने की हिम्मत नहीं करते क्योंकि उन्हें एक खास वर्ग के वोट चाहिए। उनके पेट में दर्द हो रहा है क्योंकि हिंदू एक साथ आ रहे हैं। इसे तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हिंदू एकता के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट के नेता काम कर रहे हैं।”