बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका अरुंधति रॉय (Arundhati Roy) और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन (Sheikh Shaukat Hussain) के खिलाफ आपत्तिजनक भड़काऊ भाषण देने का मुकदमा (prosecute) चलाया जाएगा। इसकी मंजूरी दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दे दी है।
जाति-धर्म व राष्ट्रीय एकीकरण में शत्रुता फैलाने का मामला
साल 2010 के इस मामले में मद्देनजर सक्सेना ने कथित तौर पर कहा कि रॉय और हुसैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 153बी और 505 के तहत अपराध करने का प्रथम दृष्टया मामला बनता है। 153ए, जहां जाति, धर्म, भाषा और निवास को लेकर शत्रुता बढ़ाने तथा 153बी राष्ट्रीय-एकीकरण के लिए प्रतिकूल दावे से संबंधित है।
उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 12 सितंबर, 2023 को मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया। इस मामले में कश्मीर के सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित ने दिल्ली के तिलक मार्ग पर शिकायत दर्ज कराई है।
साल 2010 का भड़काऊ भाषण
गौरतलब हो कि 2010 में ‘आजादी-द ओनली वे’ बैनर तले राजनीतिक कैदियों की रिहाई समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल अरुंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन आपत्तिजनक भड़काऊ भाषण (inflammatory speech) दिए थे। बताया जाता है कि रॉय ने अपने भाषण में कहा था कि कश्मीर कभी भी भारत का अभिन्न अंग नहीं रहा है।
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