Nithari case: रद्द हुई सुरेंद्र कोली और पंढेर की फांसी की सजा, जानें कारण

2006 के चर्चिच निठारी कांड में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट (CBI Court) ने सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, जबकि मनिंदर सिंह 3 मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी।

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नोएडा के चर्चित निठारी कांड (Nithari case) में आरोपी सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर (Maninder Singh Pandher) की फांसी की सजा रद्द कर दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 12 मामलों सुरेंद्र कोली (Surendra Koli) को और दो मामलों में पंढेर को बरी कर दिया ।

सबूतों के अभाव में कोर्ट ने किया बरी
2006 के चर्चिच निठारी कांड में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट (CBI Court) ने सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, जबकि मनिंदर सिंह 3 मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में दोनों को निर्दोष करार दिया है।

कोली पर 16, पंढेर पर 6 मामले
सुरेंद्र कोली पर 16 केस दर्ज हुए थे। लेकिन 3 केस सबूतों के अभाव में रद्द कर दिए गए और 13 मामलों में उसे दोषी ठहराया गया था। अब 12 मामलों में उसको बरी कर दिया गया है। वहीं पंढेर के खिलाफ कुल 6 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से तीन मामलों में वह सीबीआई की ट्रायल कोर्ट से बरी हो गया था और एक मामले में हाईकोर्ट ने पहले ही बरी कर दिया था।

विशेष अदालत ने दी थी फांसी की सजा
बता दें कि साल 2006 में नोएडा के निठारी में स्थित मनिंदर सिंह पंढेर के बंगले की पीछे 19 महिलाओं और कई बच्चों के कंकाल मिले थे। जांच के बाद मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया गया था। 2009 में दोनों को अपहरण, दुष्कर्म और हत्या का मामला ठहराते हुए विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी।

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