देवेंद्र के काम पर उद्धव की लगाम

154

रिपोर्टः सुशांत सावंत

मुंबई। महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की जब से सरकार आई है, तब से पूर्व मुख्य मंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा लागू की गई योजनाओं को एक-एक कर बंद कराने का सिलसिला जारी है। ताजा मामला राज्य के चंद्रपुर जिले में शराबबंदी को हटाने का है। इससे पहले भी उद्धव सरकार ने फडणवीस सरकार द्वारा लागू की गई आधे दर्जन से अधिक योजनाओं पर रोक लगा चुकी है। हैरत की बात यो यह है कि जिस फडणवीस सरकार ने इन सभी योजनाओं को लागू करने का निर्णय लिया था, उसमें शिवसेना भी शामिल थी। लेकिन अब पार्टनर बदलते ही शिवसेना की नीति और राजनीति दोनों बदलती नजर आ रही है।
चंद्रपुर में हटेगी शराबबंदी
राज्य के चंद्रपुर जिले में फडणवीस सरकार ने शराबबंदी लागू की थी। अब महाविकास आघाड़ी को फडणवीस सरकार का यह निर्णय रास नहीं आ रहा है। राजनीति के झरोखे से मिल रही खबरों के मुताबिक अब शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रसे पार्टी यानी महाविकास आघाड़ी की सरकार ने शराबबंदी हटाने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसे लेकर मंत्रालय में बैठक होने की जानकारी मिली है। इस बैठक में चंद्रपुर जिले के विधायक और कैबिनेट मंत्री विजय वडेट्टीवार, गृह मंत्री अनिल देशमुख, राज्य के उत्पादन शुल्क मंत्री दिलीप वलसे पाटील मौजूद थे। इस दौरान शराबबंदी हटाने को लेकर दो समितियां गठित की गई हैं। एक समिति राज्य उत्पादन शु्ल्क आयुक्त के अंतर्गत काम करेगी, जिसमें गृह, वित्त और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी होंगे, वहीं दूसरी समिति में शासकीय और गैर शासकीय सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। इसमें कई कैबिनेट मंत्री, विधायक और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे। राज्य उत्पादन शु्ल्क आयुक्त के अंतर्गत गठित समिति शराबबंदी हटाने के बाद होनेवाले संभावित परिणामों की जानकारी सरकार को देगी। मसलन शराबबंदी हटाने के बाद क्या अवैध शराब की बिक्री हो रही है, क्या जिले मे अपराध का ग्राफ बढ़ा है, क्या इसका राज्य के राजस्व पर कोई असर हुआ है आदि।
गौर करनेवाली बात यह है कि इस सरकार ने अबतक फडणवीस सरकार द्वारा लागू की गई कई योजनाओं को रद्द कर दिया है। उनमें प्रमुख हैं-
जलयुक्त शिवार योजना
महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जलयुक्त शिवार योजना का शुभारंभ बहुत ही दूमधाम से किया था। लेकिन मौजूदा सरकार को उनका यह प्रोजेक्ट फायदेमंद नहीं दिख रहा है और इस योजना को मिलनेवाली निधि पर रोक लगा दी गई है। इस वजह से नाशिक जिले के पांच जलयुक्त शिवार योजना का काम बंद होने की हालत में है। इस बारे में प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि विभाग के आयुक्त के आदेश को दरकिनार कर अगर इस योजना को निधि दी गई तो आर्थिक अनियमितता कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
नगराध्यक्ष, सरपंच चुनाव की नई प्रणाली
फडणवीस के कार्यकाल में वर्ष 2016 में नगरपालिका और ग्राम पंचायत चुनाव की नई प्रणाली शुरू की गई थी। स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के लिए अहम निर्णय लिए गए थे। इस निर्णय के अनुसार सीधे जनता द्वारा नगराध्यक्ष, सरपंच के साथ चार प्रभाग के सदस्यों के चुनाव का नियम शुरू किया गया था। वर्तमान महाविकास आघाड़ी सरकार ने इस निर्णय पर रोक लगा दी है।
नगरपालिका क्षेत्र के कामों पर रोक
नगरपालिका क्षेत्रों में फडणवीस के कार्यकाल में कई कामों को मंजूरी दी गई थी लेकिन उनमें से कई का शुभारंभ नहीं हुआ था। ऐसे कामों को फिलहाल स्थगित करने का फरमान नगर विकास मंत्रालय ने जारी किया है। राज्य के महानगरपालिका, नगरपालिका, नगरपंचायत में विकास की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विशेष अनुदान दिये जाते हैं। महानगरपालिका की मूलभूत सुविधाएं, महानगरपालिका सीमा विस्तार, नई नगरपालिका, नगरपालिका सीमा विस्तार आदि योजनाओं के अंतर्गत 2019-20 में निधि वितरित की गई थी। इनमें से जिन योजनाओं के लिए वितरित की गई निधि से योजनाओं को शुरू नहीं किया जा सका है, उन योजनाओं को अगले आदेश तक स्थगित करने का आदेश नगर विकास विभाग ने दिया है।
गुजरात की कंपनी को दिया गया ठेका रद्द
फडणवीस सरकार द्वारा गुजरात की एक कंपनी को करोड़ों रुपयों का दिया गया ठेका भी रद्द कर दिया गया है। महाराष्ट्र पर्यटन महामंडल ने गुजरात की लल्लूजी एंड संस नामक कंपनी को एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करने का ठेका दिया था। इस ठेके में बड़ी आर्थिक अनियमितता का आरोप लगाते हुए महाविकास आघाड़ी सरकार ने इसे रद्द करने का फरमान जारी कर दिया है। हम आपको बता दें कि 26 दिसंबर 2017 को एमटीडीसी ने अहमदाबाद में इस इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के साथ यह करार किया था। 321 करोड़ रुपए के इस करार के अनुसार महाराष्ट्र के नंदूरबार में चेतक उत्सव के आयोजन के लिए यह ठेका दिया गया था।
आरे कॉलोनी मेट्रो कारशेड 
महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव से पहले गोरोगांव के आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड निर्माण का मुद्दा काफी गर्माया हुआ था। इस कारशेड के कामों को फिलहाल महाविकास आघाड़ी सरकार ने स्थगित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही इस कारशेड के विरोध में आंदोलन करनेावाले लोगों के खिलाफ दर्ज मामले को भी वापस ले लिया गया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.