आईसीआईसीआई और कोटक महिंद्रा बैंक पर RBI की बड़ी कार्रवाई, जानें क्या है प्रकरण

भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कुछ नियामक मानदंडों का पालन न करने पर आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक पर भारी जुर्माना लगाया।

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भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने मंगलवार (17 अक्टूबर) को कहा कि उसने कुछ नियामक मानदंडों (Regulatory Norms) का पालन न करने पर आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) पर भारी जुर्माना लगाया है। दोनों बैंकों के बारे में आरबीआई (RBI) ने कहा कि जुर्माना नियामक अनुपालन (Penalty Regulatory Compliance) में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों (Customers) के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने आईसीआईसीआई बैंक पर 12.19 करोड़ रुपये और कोटक महिंद्रा बैंक पर 3.95 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। बैंकों पर यह जुर्माना विभिन्न नियमों के उल्लंघन के चलते लगाया गया है। जहां आईसीआईसीआई बैंक पर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के प्रावधानों का ठीक से पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया गया है। कोटक महिंद्रा बैंक पर यह जुर्माना रिजर्व बैंक के कई दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है।

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कोटक महिंद्रा बैंक ने की गलती
कोटक महिंद्रा बैंक ने आरबीआई के रिकवरी अलर्ट, बैंक के भीतर ग्राहक सेवा, जोखिम प्रबंधन और वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में आचार संहिता और ऋण वितरण से संबंधित दिशानिर्देशों का ठीक से पालन नहीं किया। इसलिए सेंट्रल बैंक ने उन पर जुर्माना लगाया है। बैंक इन सभी दिशानिर्देशों की सालाना समीक्षा करने में विफल रहा है।

बैंक ने ग्राहक सुविधा के सबसे बड़े मुद्दों में से एक पर ध्यान दिया है। यानी कोटक महिंद्रा बैंक यह सुनिश्चित करने में विफल रहा है कि लोन रिकवरी एजेंट सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे की सीमा के बाहर ग्राहकों को कॉल न करें।

आईसीआईसीआई बैंक पर जुर्माना
केंद्रीय बैंक ने धोखाधड़ी के वर्गीकरण और रिपोर्टिंग में लापरवाही के लिए आईसीआईसीआई बैंक पर जुर्माना लगाया है। आरबीआई का कहना है कि बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत उसके पास ऐसी कार्रवाई करने का अधिकार है, जिसका इस्तेमाल करते हुए उसने यह कार्रवाई की है।

आईसीआईसीआई बैंक ने ऐसी कंपनियों को लोन दिया है, जिनके निदेशकों में दो लोग शामिल हैं जो बैंक के बोर्ड में भी शामिल हैं। ये कंपनियां गैर-वित्तीय उत्पाद क्षेत्र में काम करती हैं।

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