ड्रग तस्कर ललित पाटिल को मेफेड्रोन ड्रग बनाने का फार्मूला देने वाले शख्स से पुलिस पुणे में पूछताछ कर रही है। पुलिस नासिक जिले के कई ज्वेलर्स से भी ड्रग मामले में पूछताछ करने वाली है।
पुलिस के अनूसार, छानबीन में पता चला है कि ललित पाटिल को ड्रग मामले में दिसंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था। उसे पुणे की येरवडा जेल में रखा गया था। उस समय ड्रग मामले में ही केमिकल इंजीनियर अरविंद कुमार प्रकाशचंद्र लोहारे भी येरवडा जेल में सजा भुगत रहा था। येरवडा जेल में ही ललित पाटिल की अरविंद लोहारे से दोस्ती हो गई और लोहारे ने ललित पाटिल को मेफेड्रोन ड्रग बनाने का फार्मूला दिया था। फार्मूला मिलने के बाद ललित पाटिल ने अपने भाई भूषण पाटिल के साथ नासिक में मेफेड्रोन ड्रग बनाने की कंपनी खोला था। जेल में रहते हुए ललित पाटिल ड्रग नेटवर्क का संचालन कर रहा था। यहां तक ड्रग के पैसे से ससून अस्पताल और पुलिस को मैनेज कर ललित पाटिल पिछले 9 महीने से पुणे के ससून अस्पताल में था। इसके बाद दो अक्टूबर को ललित पाटिल ड्रग के पैसे से ही डॉक्टरों और पुलिस को मैनेज कर फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने ललित पाटिल को चेन्नई के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने ललित पाटिल के नासिक स्थित मेफेड्रोन ड्रग की कंपनी पर छापा मार कर 150 किलोग्राम मेफेड्रोन ड्रग बरामद किया था।
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नासिक ज्वेलर्स से आठ किलो सोना खरीदा था
अब तक की जांच में पता चला है कि ड्रग के पैसे ही भूषण पाटिल ने नासिक ज्वेलर्स से आठ किलो सोना खरीदा था। पुलिस इसमें से तीन किलो सोना जब्त करने में कामयाब रही है। पुलिस तलाश कर रही है कि बाकी सोना कहां छिपा रखा है। इसी वजह से पुलिसिया जांच के घेरे में नासिक के कई अन्य ज्वेलर्स के नाम आ गए हैं।