लोकतंत्र के मंदिर में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने का मामला सामने आने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने महुआ मोइत्रा मामले (Mahua Moitra case) से दूर रहने का फैसला किया है। टीएमसी (TMC) के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन (Derek O’Brien) ने कहा है कि संसद की एथिक्स कमेटी (Ethics Committee) के फैसले के बाद उनकी पार्टी कोई निर्णण लेगी। इससे यह तस्वीर साफ दिख रहा कि महुआ मोइत्रा अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ गई हैं। संसद (Parliament) में सवाल पूछने के लिए पैसे और महंगे उपहार लेने का मामला सामने आने के बाद से तृणमूल कांग्रेस की फायरब्रांड सांसद महुआ मोइत्रा आइसोलेशन में हैं। पार्टी ने भी उनसे दूर रहने का फैसला किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि पार्टी ने लोकसभा में पार्टी का मजबूत गढ़ रहे क्षेत्र से मोइत्रा को क्यों चुना? ऐसा सवाल खड़ा हो गया है।
टीएमसी की मजबूरी
महुआ मोइत्रा से अलग होने के कई कारण हैं। पहला कारण यह है कि उन्होंने खुद को एक दबंग सांसद के रूप में प्रचारित किया है। इसके साथ ही उन्होंने संसद की आचार समिति या सीबीआई की किसी भी जांच का सामना करने की तैयारी भी दिखाई है। हालांकि, पार्टी के मोइत्रा से दूर रहने की और वजह भी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार कई आरोपों का सामना कर रही है। पश्चिम बंगाल सरकार शिक्षक भर्ती घोटाला, नगरपालिका नौकरियां, कोयला और पशु तस्करी जैसे कई कथित घोटालों में उलझी हुई है। ताजा घोटाला राशन वितरण घोटाले का है। नदिया जिले के पार्टी नेताओं ने आलाकमान से शिकायत की है कि महुआ मोइत्रा अपने निर्वाचन क्षेत्र को ज्यादा समय नहीं दे रही हैं। इस वजह से भी पार्टी उनसे नाराज थी। अब यह नया बिंदु जुड़ गया है।
10 हजार करोड़ रुपये का निवेश खोने का डर
टीएमसी का रुख यही लग रहा कि जब इतने सारे मामले पहले ही सामने आ चुके हैं तो महुआ मोइत्रा के मामले में पार्टी क्यों शामिल हों? इसके अलावा पार्टी को यह भी डर है कि अगर मोइत्रा को अपने पक्ष में कर लिया गया तो उद्योगपति गौतम अडानी का बंगाल में 10 हजार करोड़ का निवेश रद्द हो सकता है। बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में अडानी ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अडानी ने अगले कुछ वर्षों में बंगाल में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया था और राज्य को निवेश के लिए एक आदर्श गंतव्य बताया था।
अडानी से मिलने वाली है राज्य में 25000 नौकरियां
ताजपुर में बंदरगाह बनाने के लिए अडानी ग्रुप ने बंगाल सरकार के साथ समझौता किया है। इससे 25,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। ये बात ज्यादा न फैले इसके लिए दीदी की पार्टी ने सतर्क रुख अपनाया है।
मां काली पूजा के समय महुआ मोइत्रा के बयान से देशभर में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इसके चलते पार्टी ने मोइत्रा को दोबारा ऐसा बयान न देने को कहा था। अब पैसे का मुद्दा संसद में सवालों के घेरे में आ गया है। इसके चलते पार्टी ने इस मामले से दूर रहने और मोइत्रा को लड़ने देने का रुख अपनाया है।
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