West Bengal: ज्योतिप्रिय ने फर्जी कंपनियां बना ट्रांसफर किया फंड, ED ने ऐसे खोला राज

ईडी का दावा है कि डे और दास ने कहा है कि मंत्री ने फंड ट्रांसफर करने के लिए फर्जी कंपनियां बना रखी थीं। यह कंपनियां नौकर, माली या ड्राइवर के नाम पर थीं।

117

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के चर्चित राशन वितरण भ्रष्टाचार मामले (ration distribution corruption cases) में ED (प्रवर्तन निदेशालय) के हत्थे चढ़े पूर्व खाद्यमंत्री ज्योतिप्रिय मलिक (Jyotipriya Malik) फिलहाल जेल में हैं। ईडी ने 27 अक्टूबर को मलिक को गिरफ्तार किया था। इसके बाद दो दिनों तक उनके दोनों पीए (निजी सहायक) अमित डे और पूर्व निजी सहायक अभिजीत दास से पूछताछ हुई है। दोनों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। ईडी का दावा है कि डे और दास ने कहा है कि मंत्री ने फंड ट्रांसफर करने के लिए फर्जी कंपनियां बना रखी थीं। यह कंपनियां नौकर, माली या ड्राइवर के नाम पर थीं। इन्हीं कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये का लेनदेन होता रहा है।

जब्त डायरी में फर्जी कंपनियों के नाम
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि दास से उस डायरी के बारे में पूछताछ की गई, जो हावड़ा में उनके आवास से तलाशी के दौरान जब्त की गई थी। डायरी में कुछ लेन-देन का ब्योरा है। इसमें फंड को अन्यत्र भेजने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न फर्जी कंपनियों के नाम भी हैं। डायरी के कवर पर और उसके अंदर के कुछ पन्नों पर ‘बालू’ लिखा हुआ है। यह मंत्री का डाक नाम है। अब इन दोनों से बैंक खातों के बारे में भी पूछताछ की जानी है।

यह भी पढ़ें – Israel-Hamas war: गाजा में ब्लैक आउट, बाहरी दुनिया से संपर्क कटा

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.