अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम मंदिर निर्माण (Shriram temple construction) के साथ ही अयोध्या के कई अन्य प्राचीन स्थलों व मंदिरों का जीर्णोद्धार (renovation) कराया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्रा ने बताया कि कुबेर टीले (Kuber Mound) पर पक्षीराज जटायु की प्रतिमा लगेगी। उन्होंने बताया कि कुबेर टीले में खुदाई के दौरान नीचे मंदिरनुमा आकार मिला है। इसके अलावा जटायु, शेर की आकृति का पत्थर, तलवार, गणेश जी मूर्ति एवं बाल हनुमान जी की प्रतिमा भी मिली है। उन्होंने बताया कि खुदाई से प्राप्त मूर्तियों को संग्रहालय में रखा जायेगा।
कुबेर टीले का जीर्णोद्धार
उल्लेखनीय है कि राम जन्मभूमि परिसर के अंदर कुबेर टीला, नल-नील टीला और अंगद टीला मौजूद है। कुबेर टीला सबसे ऊँचा है और राम जन्मस्थान से बिल्कुल पास में है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण के साथ ही कुबेर टीले का भी जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। बाद में अन्य टीलों का भी जीणोद्धार होगा।
अयोध्या में सबसे ऊँंचा है कुबेर टीला
श्रीराम जन्मभूमि परिसर स्थित कुबेर टीले की ऊंचाई अयोध्या में सबसे अधिक है। अयोध्या नगर से बाहर स्थित मणिपर्वत से पूरी अयोध्या दिखती है। वहीं अयोध्या में केवल कुबेर टीले से ही मणि पर्वत को देखा जा सकता है। मान्यता है कि यहां पर कुबेर का आगमन हुआ था और उन्होंने यहां पर शिवलिंग की स्थापना की थी। शिवलिंग अभी भी विराजमान है।
हनुमानगढ़ी मंदिर का भी हो रहा विस्तार
अयोध्या में रामलला के साथ ही उनके सेवक हनुमंत लला के मंदिर हनुमानगढ़ी के परिसर का भी विस्तार किया जा रहा है। हुनमान गढ़ी मंदिर के प्रांगण से दुकानें हटाई जा रही हैं। मुख्य सड़क को चौड़ा किया जा रहा है। हनुमानगढ़ी के प्राचीन निकास द्वार को गिराकर द्वारा को बड़ा बनाया जायेगा। बुजुर्गों की सुविधा के लिए लिफ्ट लगायी जायेगी।
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