वायु प्रदूषण पर Supreme Court ले सकता है एक्शन, दिल्ली समेत इन राज्यों से मांगी जानकारी

केंद्र सरकार की दलीलों से सर्वोच्च न्यायालय संतुष्ट नहीं हुआ। कहा कि सब कुछ कागजों पर ही हो रहा है, जमीन पर हालात वैसे ही हैं।

108

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के बढ़ते स्तर पर चिंता जताई है। न्यायालय ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान से वायु प्रदूषण पर स्टेटस रिपोर्ट एक हफ्ते में दाखिल करने को कहा है। जस्टिस संजय किशन कौल (Justice Sanjay Kishan Kaul) की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई सात नवंबर को करने का आदेश दिया है।

राज्यों को ये बताना है कि उनकी ओर से प्रदूषण को रोकने और खासतौर पर पराली जलाने से रोकने के लिए क्या कुछ कदम उठाए गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने कई कदम उठाए हैं लेकिन स्थिति खराब बनी हुई है। कोर्ट ने राज्यों से पिछले कुछ महीनो में वायु प्रदूषण में सिलसेलवार तरीके से हुई बढ़ोतरी पर रिपोर्ट पेश करने को कहा।

यह भी पढ़ें- विपक्षी गठबंधन के संक्षिप्त नाम ‘I.N.D.I.A’ को लेकर दायर याचिका पर 6 दिसंबर को सुनवाई

न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान वकील ने तेज हवाओं की घटना का जिक्र किया, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने भी ‘तेज प्रशासनिक हवाओं’ की जरूरत पर जोर दिया। सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) और आग की संख्या जैसे मापदंडों सहित वर्तमान जमीनी स्थिति का विवरण देने वाली एक सारणीबद्ध रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ समाप्त हुई। शीर्ष अदालत ने पहले दिल्ली और उसके आसपास वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से रिपोर्ट मांगी थी।

देखें यह वीडियो- 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.