मराठा आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाएं, जरांगे ने मुख्यमंत्री शिंदे से की मांग

मराठा आरक्षण आंदोलन के भड़की आग के बीच महाराष्ट्र के सीएम ने बड़ा ऐलान किया है।

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मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) से फोन पर बात की। करीब आधे घंटे तक चली इस चर्चा में जरांगे ने कहा कि ‘हम आंशिक आरक्षण स्वीकार (Partial Reservation) नहीं करेंगे।’ साथ ही जरांगे ने मुख्यमंत्री से मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की।

जरांगे पाटिल ने आखिर क्या कहा?
पहले कृषि को कुनबी कहा जाता था। अब आता है कृषि सुधार शब्द। मराठा इस शब्द को कम नहीं आंकेंगे। हम कुनबी सर्टिफिकेट लेने को तैयार हैं। मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि वह इसके लिए विद्वानों से चर्चा करेंगे।

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आत्महत्या मत करो। मैं भी लड़ रहा हूं। मैं लड़ते हुए मरने से नहीं डरता। जारांगे ने कहा कि सभी जगह शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चल रहा है। तुम चाहे कितनी भी वजह बताओ, हम नहीं सुनेंगे। समिति के पास इस कानून को पारित करने के सबूत हैं। यह एक प्रमाण पर किया जा सकता है। मनोज जरांगे पाटिल ने मुख्यमंत्री से कहा कि आपके पास बहुत सारे सबूत हैं।

कुनबी प्रमाण पत्र अविलंब दिया जाए
मनोज जरांगे पाटिल ने मुख्यमंत्री शिंदे से बात करते हुए साफ कहा कि वह रिकॉर्ड के मुताबिक रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करेंगे। हमने उनसे साफ कह दिया कि हम आंशिक आरक्षण नहीं लेंगे। हमने विद्वानों की एक बैठक बुलाई है। 2004 के जीआर में संशोधन करें कि मराठा और कुनबी एक ही हैं। आरक्षण केवल कृषि के आधार पर दिया जाता है। कितने भी बहाने बना लो हम नहीं सुनेंगे। समिति के पास पर्याप्त सबूत हैं। हमें यथाशीघ्र कुनबी प्रमाण पत्र देना चाहिए।

हमारा व्यवसाय कृषि है। 60 फीसदी मराठा आरक्षण में चले गये। हम थोड़ा रुके हैं। जो लोग सर्टिफिकेट लेना चाहेंगे उन्हें मिलेगा। जारांगे पाटिल ने यह भी कहा है कि गरीब मराठों के बच्चों को कुनबी सर्टिफिकेट मिलेगा।

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