प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 को कर्तव्य पथ पर ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के समापन पर देशवासियों से कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के समापन के साथ आइए 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में ‘अमृत काल’ की यात्रा शुरू करें।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान ‘अमृत महोत्सव स्मारक और अमृत वाटिका’ की आधारशिला रखी। उन्होंने देश के युवाओं के लिए ‘मेरा युवा भारत’ (माय भारत) प्लेटफॉर्म का भी शुभारंभ भी किया।
बन गया नया इतिहास
प्रधानमंत्री ने देश भर से कार्यक्रम में शामिल होने वाले हजारों अमृत कलश यात्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरदार पटेल की जयंती पर हम सभी कर्तव्य पथ पर एक ऐतिहासिक ‘महायज्ञ’ के साक्षी बन रहे हैं। 12 मार्च, 2021 को महात्मा गांधी की प्ररेणा से साबरमती आश्रम से शुरू हुआ आजादी का अमृत महोत्सव अब 31 अक्टूबर, 2023 के दिन सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर समापन का पल था। उन्होंने कहा कि जैसे दांडी यात्रा शुरू होने के बाद देशवासी उससे जुड़ते गए, वैसे ही आजादी के अमृत महोत्सव ने जनभागीदारी का ऐसा हुजूम देखा कि नया इतिहास बन गया। 75 साल की ये यात्रा समृद्ध भारत के सपने को साकार करने वाला कालखंड बन रहा है। मोदी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान भारत ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। इस दौरान उन्होंने चंद्रयान मिशन की सफल लैंडिंग, वंदे भारत ट्रेनें और भारत के 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का उदाहरण दिया।
आजादी का अमृत महोत्सव एक याद के लिए स्मारक का शिलान्यास
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव का मेरी माटी मेरा देश अभियान के साथ समापन हो रहा है। आज आजादी का अमृत महोत्सव एक याद के लिए स्मारक का शिलान्यास भी हुआ है। ये स्मारक आने वाली पीढ़ियों को हमेशा इस ऐतिहासिक आयोजन की याद दिलाएगा। उन्होंने कहा कि आज मेरा युवा भारत संगठन, यानी माई भारत की नींव रखी गई है। 21वीं सदी में राष्ट्र निर्माण के लिए मेरा युवा भारत संगठन, बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। भारत के युवा कैसे संगठित होकर हर लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान है।
भारत की मिट्टी में खास बात
उन्होंने कहा कि जो अमृत कलश यहां आए हैं, इनके भीतर मिट्टी के हर कण अनमोल हैं। ये मिट्टी हमें विकसित भारत के अपने संकल्प की सिद्धि के लिए और अधिक परिश्रम के लिए प्रेरित करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़ी-बड़ी महान सभ्यताएं समाप्त हो गईं लेकिन भारत की मिट्टी में वो चेतना है, जिसने इस राष्ट्र को अनादिकाल से आज तक बचा कर रखा है।
परिवार और गांव का आजादी में सक्रिय योगदान
प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत महोत्सव ने एक प्रकार से इतिहास के छूटे हुए पृष्ठ को भविष्य की पीढ़ियों के लिए जोड़ दिया है। देश के करोड़ों परिवारों को पहली बार यह एहसास हुआ है कि उनके परिवार और गांव का भी आजादी में सक्रिय योगदान था। उसका जिक्र भले ही इतिहास की किताबों में नहीं हुआ लेकिन अब वो गांव-गांव में बने स्मारकों और शिलालेखों में हमेशा के लिए अंकित हो चुका है।