Ration distribution scam case: ज्योतिप्रिय की चिकित्सा को लेकर उच्च न्यायालय ने अस्पताल को दिया ये निर्देश

ज्योतिप्रिय मल्लिक के इलाज की जिम्मेदारी से राहत की मांग करने वाली कमांड अस्पताल के अधिकारियों की याचिका पर आठ नवंबर के बाद ही विचार किया जा सकता है।

157

 कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 2 नवंबर को कोलकाता स्थित रक्षा-संचालित कमांड अस्पताल को पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की चिकित्सा आठ नवंबर तक जारी रखने को कहा है। कोर्ट ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि जब तक मल्लिक की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत की वर्तमान अवधि समाप्त नहीं होती, तब तक चिकित्सा जारी रहे। आठ नवंबर को हिरासत खत्म हो रही है।

न्यायाधीश ने आदेश दिया कि उस समय तक ईडी के अधिकारी गिरफ्तार मंत्री को नियमित चिकित्सा जांच के लिए दक्षिण कोलकाता के कमांड अस्पताल ले जा सकेंगे। एकल न्यायाधीश पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि अंतरिम अवधि के दौरान मल्लिक का आवश्यक उपचार भी कमांड अस्पताल में ही किया जा सकता है।

आगे की चिकित्सा को लेकर कही ये बात
हालांकि, न्यायमूर्ति प्रसाद ने कहा कि बाद के चरण में मल्लिक के इलाज की जिम्मेदारी से राहत की मांग करने वाली कमांड अस्पताल के अधिकारियों की याचिका पर आठ नवंबर के बाद ही विचार किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि जब मल्लिक को कोलकाता की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जहां मामले की सुनवाई हो रही है, वहीं उनके आगे की चिकित्सा के बारे में निर्णय होगा।

राशन वितरण घोटाला मामला
पश्चिम बंगाल के वर्तमान वन मंत्री और राज्य के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मल्लिक को राज्य में करोड़ों रुपये के राशन वितरण अनियमितता मामले में पिछले हफ्ते ईडी ने गिरफ्तार किया था। वह वर्तमान में कोलकाता के साल्ट लेक सीजीओ कांप्लेक्स स्थित कार्यालय में केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में हैं।

कोलकाता की एक विशेष अदालत ने पिछले हफ्ते निर्देश दिया था कि मल्लिक का आवश्यक इलाज उनकी हिरासत अवधि के दौरान कमांड अस्पताल में किया जाएगा, जो 1 नवंबर की शाम से शुरू हुई है। हालांकि, कमांड अस्पताल के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह आदेश में संशोधन की मांग करते हुए उसी विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

अस्पताल के अधिकारियों ने तर्क दिया कि चूंकि वे न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि कई पूर्वोत्तर राज्यों के वर्तमान और पूर्व रक्षा कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों के इलाज के प्रबंधन में पहले से ही बहुत दबाव में हैं, इसलिए वे मंत्री के इलाज का अतिरिक्त बोझ उठाने में असमर्थ हैं। हालांकि, विशेष अदालत ने पिछले आदेश पर पुनर्विचार की याचिका खारिज कर दी।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.