भारतीय जनता पार्टी (B J P) ने 04 नवंबर को छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार (Baghel government) को घेरते हुए बड़ा हमला किया है। राज्य के विधानसभा चुनाव (assembly elections) में हवाला ऑपरेटर के पैसे का प्रयोग करने का गंभीर आरोप लगाया है। राष्ट्रीय राजधानी के भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने भूपेश बघेल पर सवालों की बौछार की है।
हवाला ऑपरेटरों का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ रही बघेल सरकार
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हवाला ऑपरेटरों (hawala operators) का इस्तेमाल कर छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ रही है। सत्ता में रहते हुए सट्टेबाजी का खेल छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेतृत्व का चेहरा बन गया है। भूपेश बघेल के खिलाफ कुछ चौंका देने वाले तथ्य देश के सामने प्रस्तुत हुए हैं। असीम दास से 5.30 करोड़ रुपये से ज्यादा बरामद हुए हैं। केन्द्रीय मंत्री ईरानी ने इस पर सवाल पूछे कि क्या यह सत्य है कि 2 नवंबर को होटल ट्राइडेंट में असीम दास से पैसा बरामद हुआ? क्या ये सत्य है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेताओं को शुभम सोनी के माध्यम से असीम दास पैसा पहुंचाते थे? क्या ये सत्य है कि शुभम सोनी को एक वॉयस मैसेज के माध्यम से आदेश दिया गया कि वह रायपुर जाए और बघेल को चुनाव खर्च के लिए पैसा दे? क्या यह सत्य है कि अलग-अलग बैंक खातों से 15.50 करोड़ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत फ्रीज किया गया?
जांच एजेंसी के पास शुभम सोनी की आवाज में भी सुबूत उपलब्ध
स्मृति ईरानी ने कहा कि तथ्य चौंकाने वाला है कि जिस शुभम सोनी के बारे में असीम दास ने बयान दिया है, यह माना जा रहा है कि जांच एजेंसी के पास शुभम सोनी की आवाज में भी सुबूत उपलब्ध हैं। असीम दास ने अपने बयान में कुबूल किया है कि वह आदेश के मुताबिक दुबई गए थे। उन्हें आदेश दिया गया था कि कांग्रेस के चुनाव खर्च के लिए पैसे दिए जाएं। असीम दास ने कुबूल किया है कि यह पैसा महादेव ऐप के तहत अवैध सट्टेबाजी का है। असीम दास ने कुबूल किया है कि शुभम सोनी महादेव के शीर्ष स्तर के प्रबंधन का हिस्सा है।
सीएम बघेल को रिश्वत देने की स्वीकृति
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शुभम ने लिखित बयान में कहा है कि महादेव ऐप के प्रमोटर्स ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 538 करोड़ रुपये रिश्वत दी है। यह एकमात्र ऐसी जानकारी नहीं है, बल्कि एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। महादेव ऑनलाइन बुक ऐप के प्रमोटर्स प्रशासन और कांग्रेस के नेताओं से जो संरक्षण चाहते थे, वो चंद्रभूषण वर्मा नाम के एक अधिकारी के माध्यम से भी प्रोटेक्शन मनी भेजते थे। चंद्रभूषण वर्मा ने अब तक 65 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर हैंडल किए हैं।
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