…और जिलाधिकारी को हो गई तीन माह की जेल

न्यायालय के आदेशों की अवज्ञा करना जिलाधिकारी स्तर के अधिकारियों को बहुत महंगा पड़ा है।

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मद्रास उच्च न्यायालय ने अवमानना के एक प्रकरण में जिलाधिकारी और दो अन्य अधिकारियों को दोषी पाया है। यह प्रकरण किसानों की कृषि योग्य भूमि में जलाशय निर्माण के उद्देश्य से बेदखल करने का है। जस पर रोक लगाने का आदेश पारित किया गया था।

यह मामला सिद्दिपेट में जलाशय के निर्माण से संबंधित है। जिसमें जमीन अधिग्रहण किया जाना था। इस संदर्भ में पंद्रह याचिकाकर्ताओं की अवमानना संबंधी याचिका पर उच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा था।
न्यायालय ने इसमें भूमि-अधिग्रहण से संबंधित 2018 में दिये गए आदेश की अवज्ञा करने का दोषी तीन अधिकारियों को पाया है।

जिसमें सिद्दिपेट के तत्कालीन जिलाधिकारी डी.कृष्णा भाष्कर पर दो हजार रुपए का अर्थ दंड, वर्तमान जिलाधिकारी वेंकटरामी रेड्डी को तीन महीने की सजा, दो हजार रुपए का अर्थ दंड और पच्चीस हजार रुपए हर्जाना, उप-जिलाधिकारी (भूमि अधिग्रहण) जयचंद्र रेड्डी को चार महीने की सजा, दो हजार रुपए का अर्थ दंड और पचास हजार रुपए का हर्जाना सुनाया है।

कोर्ट ने अंत में निर्देश दिया कि प्रतिवादी के सेवा रिकॉर्ड में एक प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की जाएगी, जो कि न्यायालय के आदेशों की जानबूझकर की गई अवज्ञा है। इसके साथ ही कोर्ट ने छह सप्ताह की कारावास की सजा को भी निलंबित कर दिया।

न्यायालय ने अपने आदेश के अंत में उल्लेखित किया है कि प्रतिवादी के सेवा रिकॉर्ड में एक प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की जाएगी, जो कि न्यायालय के आदेशों की जानबूझकर की गई अवज्ञा है। न्यायालय ने छह सप्ताह के लिए कारावास की सजा को भी निलंबित कर दिया है।

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