रूस ने किया अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण, बताया यह कारण

पिछले हफ्ते ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैश्विक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध के रूस के अनुसमर्थन को रद्द करने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर किया था। मास्को ने कहा कि अमेरिका के साथ समानता स्थापित करने की आवश्यकता थी।

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रूसी सेना ने 05 नवंबर को यूक्रेन में जारी युद्ध के साथ रूस (Russia) और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच नई परमाणु पनडुब्बी (nuclear submarine) इंपीरेटर अलेक्जेंडर-3 से न्यूक्लर वारहेड ले जाने में सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (intercontinental ballistic missile) का सफल परीक्षण किया।

अमेरिका के साथ समानता स्थापित करने की आवश्यकता
पिछले हफ्ते ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने वैश्विक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध के रूस के अनुसमर्थन को रद्द करने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर किया था। मास्को ने कहा कि अमेरिका के साथ समानता स्थापित करने की आवश्यकता थी। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इंपीरेटर अलेक्जेंडर-3 ने रूस के उत्तरी श्वेत सागर में पानी के नीचे से बुलावा मिसाइल दागी। इसने कामचटका के सुदूर-पूर्वी क्षेत्र स्थित लक्ष्य को सफलता पूर्वक भेद दिया। बयान में परीक्षण कब किया गया था इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

16 बुलावा मिसाइलें ले जा सकती पनडुब्बी
इंपीरेटर अलेक्जेंडर-3 नई बोरेई श्रेणी की परमाणु सबमरीन (पनडुब्बी) में से एक है, जो 16 बुलावा मिसाइलें ले जा सकती हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बैलिस्टिक मिसाइल लांच अंतिम परीक्षण था, जिसके बाद इसे बेड़े में शामिल करने पर निर्णय लिया जाना है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूसी नौसेना के पास वर्तमान में तीन बोरेई श्रेणी की सबमरीन सेवा में हैं। एक अन्य का परीक्षण पूरा हो रहा है और तीन अन्य निर्माणाधीन हैं।

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