चंद्र ग्रहण का समय, सूतक काल और राशियों पर प्रभाव की मान्यताएं

सूतक काल में धार्मिक कार्य और भोजन से संबंधित कोई कार्य वर्जित बताए गये हैं। सूतक काल में भगवान के पूजन नहीं की जाती है। यही कारण है कि सूतक काल में मंदिरों के कपाट तक बंद कर दिए जाते हैं।

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भारत (India) में इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) 28 और 29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को लगा। चंद्र ग्रहण टाइम (grahan time) की शुरुआत उपछाया ग्रहण से 28 अक्टूबर की रात 11 बजकर 31 मिनट से शुरु होकर पूरी तरह तीन बजकर 57 मिनट पर समाप्त होने की बात कही गयी थी। पूर्णिमा के दौरान चंद्र ग्रहण लगता है। चंद्रमा और सूर्य के बीच जब पृथ्वी आ जाती है, तो ग्रहण लगता है। जब पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है, तो चांद हमें लाल रंग का नजर आता है।

खुली आंखों से भी देखा जा सकता है चंद्र ग्रहण
मौसम वैज्ञानिक (meteorologist) डॉ.एस.एन.सुनील पांडेय बताते हैं कि पृथ्वी की दो तरह की छाया, पहली पेनुम्ब्रा और दूसरी उम्ब्रा पड़ती है। बाहरी या हल्की छाया पेनुम्ब्रा होती है, जिसे उपच्छाया चरण कहते हैं। पृथ्वी की गहरी परछाई उम्ब्रा होती है। पृथ्वी के किसी भी भाग से चंद्रग्रहण को देखा जा सकता है। सूर्यग्रहण केवल कुछ मिनटों तक ही दिखता है, लेकिन चन्द्रग्रहण की अवधि कुछ घंटों की होती है। साथ ही चन्द्रग्रहण को प्रत्यक्ष रूप से खुली आंखों से भी देखा जा सकता है। क्योंकि चन्द्रग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चन्द्र से भी कम होती है। जबकि सूर्यग्रहण को देखने के लिए आँखों को विशेष सुरक्षा की जरूरत पड़ती है। वर्ना आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।

चंद्र ग्रहण और सूतक काल
चंद्र ग्रहण के सूतक का समय नौ घंटे पहले शुरू हो जाता है। सूतक काल में धार्मिक कार्य और भोजन से संबंधित कोई कार्य वर्जित बताए गये हैं। सूतक काल में भगवान के पूजन नहीं की जाती है। यही कारण है कि सूतक काल में मंदिरों के कपाट तक बंद कर दिए जाते हैं। शास्त्र मर्मज्ञ बताते हैं कि सूतक काल में कोई भी मांगलिक कार्य कभी नहीं करना चाहिए। नहीं तो शुभ की जगह अशुभ परिणाम मिले सकते हैं। सूतक काल को अशुभ काल माना जाता है। मान्याताओं के अनुसार सूतक काल में महिलाओं को श्रंगार से भी दूरी बनाने की बात कही जाती है।

चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
चंद्र ग्रहण का बहुत अधिक धार्मिक और ज्योतिष महत्व होता है। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार चंद्र ग्रहण कुछ राशियों को अनुकूल और प्रतिकूल दोनों रूपों में प्रभावित करता है। इस साल के आखिरी चंद्र ग्रहण को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मकर राशि, कुंभ राशि और मीन राशि पर प्रतिकूल प्रभाव और मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि के जातकों के लिए लाभकारी होने की बात कही गई।

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