उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पांच अस्पतालों (Hospitals) में लागू होगी ई-ऑफिस प्रणाली (E-Office System)। इसका उद्देश्य कार्यालय के सभी पत्रों, दस्तावेजों और फाइलों को डिजिटल (Digital) बनाना है। फाइलों और दस्तावेजों को खोजना आसान हो जाएगा। कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी। फाइलों के गुम होने की संभावना कम हो जाएगी। कम समय में फाइलें खोजी जा सकती हैं।
वर्तमान में सचिवालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पांच अस्पतालों में ई-हॉस्पिटल व्यवस्था लागू करने के लिए फंड जारी करने का निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता लाने के लिए सचिवालय की तरह राज्य के पांच चिकित्सा संस्थानों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जायेगी। इसके लिए 7134.90 लाख रुपये का बजट प्रावधान है।
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पहले चरण में यह व्यवस्था संजय गांधी पीजीआई, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, केजीएमयू, कल्याण सिंह अति विशिष्ट कैंसर संस्थान और राजकीय मेडिकल कॉलेज, कानपुर में लागू की जाएगी। पहली किस्त के रूप में 188.44 लाख रुपये की धनराशि जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। कार्यदायी संस्था यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन को जल्द से जल्द कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि ई-ऑफिस एक डिजिटल वर्कप्लेस सॉल्यूशन है। इसके क्रियान्वयन की दिशा में प्रयास तेज कर दिये गये हैं। इसकी शुरुआत राज्य के पांच अस्पतालों से की गयी है। प्रयोग सफल रहा तो अन्य चिकित्सा संस्थानों में भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इससे जवाबदेह, प्रभावी और पारदर्शी कार्यप्रणाली को बढ़ावा मिलेगा।
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