मुंबई पुलिस में सहायक पुलिस निरिक्षक सचिन वाझे की अग्रिम जमानत याचिका पर ठाणे जिला न्यायालय ने तत्काल राहत नहीं दी है। न्यायालय उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर अगली सुनवाई अब 19 मार्च को करेगी। वाझे ने मनसुख हिरेन की मौत के मामले में यह याचिका दायर की है।
न्यायालय के इस निर्णय के बाद पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की गिरफ्तारी अब संभव है। मनसुख हिरेन की मौत के मामले में उन पर हिरेन की पत्नी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इसे लेकर विधान सभा के बजट सत्र में विपक्ष ने सचिन वाझे के निलंबन और गिरफ्तारी की मांग पर हंगामा किया था। इसके बाद सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी की ओर से सचिन वाझे का स्थानांतरण क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट से अन्यत्र करने का आश्वासन दिया गया।
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विधान सभा में गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा की गई घोषणा के अनुसार सचिन वाझे को 11 मार्च को मुंबई पुलिस के नागरी सुविधा केंद्र में स्थानांतरित किया गया था। लेकिन चौबीस घंटे के अंदर ही उन्हें राज्य गुप्त वार्ता विभाग-1 में स्थानांतरित कर दिया गया है। सचिन वाझे मुंबई पुलिस के दबंग अधिकारियों में से एक हैं। उन्हें एन्काउंटर स्पेशालिस्ट के रूप में पहचाना जाता है। उन्होंने अपने पुलिस अधिकारी के करियर में 60 एन्काउंटर्स में हिस्सा लिया है।
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उस स्टेटस का राज क्या?
पुलिस अधिकारी सचिन वाझे का एक व्हाट्स ऐप स्टेटस वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने अपने पुलिस अधिकारी करियर के घटनाओं का उल्लेख किया है।
3 मार्च, 2004
सीआईडी के साथी अधिकारियों ने मुझे झूठे मामले में गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी आज तक अनिर्णित है। लगता है यह इतिहास दोहराया जाएगा। मेरे साथी अधिकारी गलत तरीके से फंसाने में लगे हैं। परिस्थितियों में कुछ बदलाव है। तब मेरे पास आशाओं के 17 वर्ष थे, धैर्य था, जीवन और नौकरी भी।
अब न मेरे पास 17 वर्ष हैं और न ही लंबा जीवन, नौकरी और जीने के लिए धैर्य।
मैं सोचता हूं दुनिया को गुड बाय कहने का समय पास आ गया है।
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