शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में अभिषेक बनर्जी से आज फिर पूछताछ करेगी ईडी

पश्चिम बंगाल की महिला और बाल कल्याण मंत्री और पार्टी प्रवक्ता शशि पांजा ने बुधवार को कहा कि अभिषेक बनर्जी गुरुवार को ईडी के सामने पेश होंगे।

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पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार (Teacher Appointment Corruption) के मामले में धनशोधन (Money Laundering) की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) गुरुवार (9 नवंबर) को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के सांसद अभिषेक बनर्जी (MP Abhishek Banerjee) से पूछताछ करेगी। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को नौ नवंबर को कोलकाता से सटे आईटी शहर सॉल्ट लेक के सीजीओ कॉम्पलेक्स स्थित केन्द्रीय एजेंसी के क्षेत्रीय मुख्यालय में सुबह 11 बजे पेश होने के लिए समन किया है।

पश्चिम बंगाल की महिला और बाल कल्याण मंत्री और पार्टी प्रवक्ता शशि पांजा ने बुधवार को कहा कि अभिषेक बनर्जी गुरुवार को ईडी के सामने पेश होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि अभिषेक बनर्जी ‘बदले की राजनीति’ का शिकार हुए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले अपने विरोधी नेताओं को परेशान करने के लिए ऐसी प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।

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हालांकि भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, “पार्टी बदले की राजनीति में विश्वास नहीं करती है।” उन्होंने कहा, “केंद्रीय एजेंसी अदालत की निगरानी में जांच कर रही है, अगर तृणमूल को कोई दिक्कत है तो वह अदालत का रुख कर सकती है।”

उल्लेखनीय है कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में सुजय कृष्ण भद्र उर्फ “कालीघाट वाले काकू” को गिरफ्तार किया गया है। वह लिप्स एंड बाउंस नाम की एक कंपनी में काम करता था और दावा किया गया कि इस कंपनी के जरिए शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार की बड़ी राशि का हेर फेर हुआ है। इस कम्पनी के निदेशक कोई और नहीं बल्कि अभिषेक बनर्जी हैं उनके पिता अमित बनर्जी और माता लता बनर्जी भी कंपनी के अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्हें पहले ईडी ने अक्टूबर महीने में नोटिस भेजा था, लेकिन दोनों पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे थे।

नियुक्ति भ्रष्टाचार के सिलसिले में ईडी ने इससे पहले बनर्जी को नौ अक्टूबर को पेश होने के लिए समन किया था, हालांकि वह पूछताछ का हिस्सा नहीं बने थे। इससे पहले वह ईडी के समन के जवाब में तीन अक्टूबर को उसके समक्ष पेश नहीं हुए थे क्योंकि उन्होंने राज्य के लिए मनरेगा और अन्य योजनाओं के तहत केंद्रीय धनराशि तत्काल जारी करने की मांग को लेकर नयी दिल्ली में केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।

उसके पहले 13 सितंबर को शिक्षक भर्ती मामले में ईडी ने बनर्जी से लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की थी।

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