Human Trafficking Case: एनआईए को मिली बड़ी सफलता, गिरफ्तार हुए 47 एजेंट

असम के विशेष पुलिस महानिदेशक हरमीत सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन की गति तब तेज हुई जब असम के करीमगंज जिले में पुलिस ने त्रिपुरा से आने वाली ट्रेन में यात्रा कर रहे रोहिंग्या मुसलमानों के लोगों के एक समूह की पहचान की।

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त्रिपुरा (Tripura) से ट्रेन के जरिए असम (Assam) पहुंचे 450 रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims) को वापस भेज दिया गया। असम के विशेष डीजीपी हरमीत सिंह (Special DGP Harmeet Singh) ने कहा कि सूचना के आधार पर पुलिस सतर्क थी। सीमा सुरक्षा बलों (Border Security Forces) की मदद से अवैध घुसपैठियों (Illegal Infiltrators) को वापस भेजा गया। जुलाई में असम की स्पेशल टास्क फोर्स (Special Task Force) ने एक ऑपरेशन चलाया। इस अवैध घुसपैठ और मानव तस्करी (Human Trafficking) में सक्रिय दलालों की पहचान के लिए यह ऑपरेशन चलाया गया था।

एसडीजीपी ने कहा कि त्रिपुरा से ऐसे 10 दलालों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। जब उनसे पूछताछ के आधार पर जांच की गई तो पता चला कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था जिसका कई राज्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। उन्होंने बताया कि पहले दिन से ही मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा को इस मामले की जानकारी थी और सरकार ने मामले को एनआईए को भेजने का फैसला किया। फिर इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध किया गया।

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47 दलाल पकड़े गए
असम के विशेष पुलिस प्रमुख हरमीत सिंह ने बताया कि एनआईए ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली और एक संयुक्त जांच की गई जिसके बाद देश भर में घुसपैठियों की मदद करने वाले ऐसे दलालों की एक सूची तैयार की गई। स्पेशल डीजीपी के मुताबिक, अब इस मामले में बुधवार (8 नवंबर, 2023) सुबह-सुबह एक ऑपरेशन चलाया गया जिसमें 47 ऐसे दलाल पकड़े गए जो एक गिरोह के रूप में काम कर रहे थे। इनमें से 25 को अकेले त्रिपुरा से गिरफ्तार किया गया है।

रोहिंग्या मुसलमान यहां से भारत आए
कर्नाटक से 9, असम से 5, पश्चिम बंगाल से 3, तमिलनाडु से 3 और हरियाणा और तेलंगाना से एक-एक दलाल पकड़े गए हैं। एसडीजीपी ने कहा कि एनआईए और असम पुलिस ने आपसी सहयोग से यह अभियान चलाया है। इसमें विभिन्न स्थानीय पुलिस ने भी मदद की। इस मामले में असम पुलिस की 17 टीमें मैदान पर हैं। आपको बता दें कि म्यांमार और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों से बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान भारत में बस गए हैं।

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