दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने भाजपा नेता छैल बिहारी गोस्वामी की ओर दाखिल आपराधिक मानहानि मामले में आप नेताओं राघव चड्ढा और सत्येंद्र जैन की आरोपों से बरी करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। जज एमके नागपाल ने एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुहर लगाई है।
राघव चड्ढा और सत्येंद्र जैन ने एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने 9 नवंबर, 2022 को याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आरोपितों को समन जारी किया जा चुका है, ऐसे में उस आदेश को वापस नहीं लिया जा सकता है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने आम आदमी पार्टी के जिन नेताओं की आरोपों से बरी करने की मांग को खारिज कर दी थी, उनमें सत्येंद्र जैन, आतिशी मार्लेना, राघव चड्ढा, दुर्गेश पाठक और सौरभ भारद्वाज हैं।
आम जनता को गुमराह करने की कोशिश
दरअसल, शिकायतकर्ता छैल बिहारी गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि नगर निगम चुनाव जीतने के इरादे से आरोपित नेताओं ने आम जनता को गुमराह करने का काम किया। शिकायत में आप नेताओं पर आरोप लगाया गया है कि वे कथित तौर पर शिकायतकर्ता और भाजपा के पार्षदों की नकारात्मक छवि बना रहे हैं। शिकायत में कहा गया है कि आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार बेईमान इरादे से और आगामी नगर निगम चुनावों में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए तीनों निगमों को लगभग 13,000 करोड़ रुपये की राशि जारी नहीं कर रही है, ताकि विकास कार्य नहीं किए जा सकें।
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उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 1400 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार का आरोप
शिकायत में कहा गया है कि दुर्गेश पाठक ने अन्य आप नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें गलत और भ्रामक बयान दिया। ये बयान मानहानि वाले हैं। शिकायतकर्ता के मुताबिक पाठक ने प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 1400 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया है और भाजपा पार्षदों ने अवैध रूप से वसूली की है। उक्त बयान को आम आदमी पार्टी के फेसबुक पेज पर लाइव स्ट्रीम किया गया और समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया था।