संयुक्त किसान मोर्चा के पीछे कई चेहरे खड़े थे। उसके झंडे के साथ लाल झंडा था, फूल-पत्ती, घड़ी, तीर-कमान और पंजा था। लाल झँडा तो जेएनयू से लेकर नक्सल की बाड़ी तक के लोगों को खींचकर आंदोलन को सींचने में लगा था। लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा की नीयत में आई खोट ने इस लाल झंडेवाले के दिल में चोट की है और इस दल ने संयुक्त किसान मोर्चा से कट्टी कर ली है।
वैसे, पश्चिम बंगाल चुनाव में ‘पैर’ बहुत महत्वपूर्ण काम कर रहा है। दीदी का पैर बंगाल चुनावों में आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की दशा और दिशा को बदल सकता है। तभी तो चौबीस घंटे पहले पैरों को जकड़े भारी भरकम प्लास्टर की जगह क्रेप बैंडेज ने ले ली। अब दूसरा ‘पैर’ पश्चिम बंगाल में संयुक्त किसान मोर्चा का पड़ा है। उसके नेता भारतीय जनता पार्टी को वोट न करने का विपक्षी मंगलसुत्र गले में लटकाए घूम रहे हैं। उनके ‘पैर’ पश्चिम बंगाल में पड़े तो संयुक्त किसान मोर्चा के तीन साथियों की बाछें खिल गई थीं।
दो नाव में सवारी पड़ गया भारी
संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के सिंघु, सीकरी सीमा से पश्चिम बंगाल जाने की जब हुंकार भरी तो उसने घोषित किया था कि उसका उद्देश्य भारतीय जनता पार्टी को मतदान न करने के लिए लोगों को जागृत करना है। अपनी योजना के अनुसार गले में भाजपा को वोट न देने की तख्तियां लटकाए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बंगाल पहुंच गए। वे वहां दो नावों में अपने एक-एक पैर रखकर पहुंचे थे। ये उनके पहुंचते ही स्पष्ट हो गया। बहरहाल, राजनीतिक दलों के बिछाए गालीचे पर उनका स्वागत हुआ। सजी सजाई महफिल मिली तो ये दिल्ली के नेता भी खुश हो गए।
लेकिन, यह खुशी बहत समय तक उनके पास नहीं टिक पाई। जैसे ही उन्होंने अपने ‘पैर’ दो नावों में (वाम पंथियों की ओर से तृणमूल के साथ) से एक नाव पर करने की कोशिश की तो दूसरी नाव ने जोर का झटका दे दिया।
अलग हुए लाल झंडाधारी
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को समर्थन दे दिया। इससे संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा दिल्ली की सीमा पर किये जा रहे आंदोलन में साथ देनेवाले वामपंथी दलों ने नाराजगी जताते हए अपने आपको संयुक्त किसान मोर्चा से अलग कर लिया। उन्होंने आगे से संयुक्त किसान मोर्चा को कोई समर्थन न करने की घोषणा की है।
AISA activists along with Students from JNU,DU,AUD, Jamia, Workers, Women movement activists & people of Delhi are standing at Dichaon Kalan Bus Stop, Najafgarh for #tractorParade from Tikri & Swaroop Nagar for #tractorParade coming from Singhu#DelhiWelcomesFarmers pic.twitter.com/gVSzZVYtsj
— AISA (@AISA_tweets) January 26, 2021
A brief report from Singhu Border by @kavita_krishnan who is with the farmers in the March #26JanDelhiTractorParade pic.twitter.com/jYebvppwqe
— CPIML Liberation (@cpimlliberation) January 26, 2021
विपक्षी दलों के समर्थन से वंचित होगा संयुक्त किसान मोर्चा?
संयुक्त किसान मोर्चा पांच राज्यों में होनेवाले विधान सभा चुनावों में प्रचार करेगा। अब सबसे बड़ा प्रश्न है कि जब प्रचार करेंगे तो समर्थन किसका करेंगे? आखिर, संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध आंदोलन में बिलखनेवालों में पूरा विपक्ष था। कांग्रेस, वामपंथी दल, राकांपा, शिवसेना आदि… बंगाल में भाजपा के अलावा सभी पार्टियां संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हैं। ऐसी स्थिति में ये पार्टियां एक-एक कर अलग हो जाएं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।